पंजाब में किसानों के लिए मुफ्त मृदा परीक्षण सेवा; अब तक 1 लाख से अधिक नमूनों की जांच
06 नवंबर 2024, चंडीगढ़: पंजाब में किसानों के लिए मुफ्त मृदा परीक्षण सेवा; अब तक 1 लाख से अधिक नमूनों की जांच – पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इस साल अब तक 1 लाख से अधिक मृदा सैंपल का परीक्षण किया है, ताकि किसानों को बेहतर उपज के लिए मृदा की स्थिति के अनुरूप खाद के संतुलित उपयोग की जानकारी मिल सके। इस परीक्षण से किसानों को मुफ्त में रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे उन्हें फसल उत्पादन में सुधार और खर्च में कटौती में मदद मिलेगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुडियान ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख मृदा सैंपल के परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब तक 1,16,117 सैंपल का परीक्षण किया जा चुका है, और राज्य भर में कुल 58 मृदा परीक्षण लैब कार्यरत हैं।
किसानों से अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि फसल बुवाई से पहले मृदा परीक्षण कराना जरूरी है, जिससे मृदा में मौजूद पोषक तत्वों – जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सूक्ष्म पोषक तत्वों की सही जानकारी मिल सके। इससे किसानों को सही मात्रा में खाद उपयोग करने में मदद मिलेगी, जो न सिर्फ उपज को बढ़ाता है बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर डालता है। नियमित मृदा परीक्षण से समय-समय पर मृदा की गुणवत्ता और उसके रासायनिक गुणों की निगरानी भी की जा सकती है, जिससे मिट्टी की अम्लीय, क्षारीय या तटस्थ स्थिति को समझा जा सके, जो फसल चयन में सहायक है।
वहीं, कृषि निदेशक श्री जसवंत सिंह ने बताया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा गेहूं के लिए वैकल्पिक खाद का सुझाव दिया गया है, जो डीएपी का विकल्प हो सकता है। किसान प्रति एकड़ 75 किलोग्राम एनपीके (12:32:16), या 150 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) के साथ 20 किलोग्राम यूरिया, या 50 किलोग्राम ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) के साथ 20 किलोग्राम यूरिया, या 90 किलोग्राम एनपीके (10:26:26) का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को जैविक खाद का भी उपयोग करने की सलाह दी, जिससे मृदा की भौतिक विशेषताओं में सुधार हो सकता है।
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