राज्य कृषि समाचार (State News)

आलू की खेती से किसान होंगे मालामाल, बिहार सरकार दे रही 75% तक अनुदान

03 सितम्बर 2025, भोपाल: आलू की खेती से किसान होंगे मालामाल, बिहार सरकार दे रही 75% तक अनुदान – बिहार के 17 जिलों में आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए लेडी रोसेटा आलू विस्तार योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो सकेगी।

उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना राज्य के 17 जिलों- औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, नालंदा, नवादा, पटना, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सिवान और वैशाली के किसानों के लिए लागू की गई है। इन जिलों के किसानों को इस योजना के अंतर्गत आलू के बीज खरीदने और खेती करने पर भारी आर्थिक सहायता मिलेगी।

योजना के तहत अनुदान और लागत का विवरण

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रति हेक्टेयर आलू के बीज की लागत 30 क्विंटल तक तय की गई है, जिसका मूल्य 4,000 रुपये प्रति क्विंटल तक सीमित रखा गया है। कुल इकाई लागत, जिसमें बीज और अन्य इनपुट शामिल हैं, 1,25,150 रुपये प्रति हेक्टेयर है। इस लागत का 75 प्रतिशत, यानी लगभग 93,863 रुपये किसानों को अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा। अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। पहली किस्त इनपुट खरीद के लिए 70,397 रुपये और दूसरी किस्त स्थल निरीक्षण और सत्यापन के बाद 23,466 रुपये।

रबी सीजन में आलू की खेती का महत्व

रबी मौसम की शुरुआत होते ही अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में आलू की बुवाई शुरू हो जाती है। इस योजना के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला टिश्यू कल्चर से संवर्धित प्रजनक बीज (जी-3) उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आलू की पैदावार बेहतर और टिकाऊ होगी। इस तरह की बीज आपूर्ति संबंधित जिला के सहायक निदेशक (उद्यान) द्वारा की जाएगी।

किसानों की आमदनी बढ़ाने और प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार में आलू की खेती को बढ़ाना और प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करना है। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश में आलू से जुड़े उद्योगों को भी विकास का अवसर मिलेगा। हालांकि, किसानों के सामने अभी भी उपज का सही दाम और भंडारण सुविधाओं की कमी एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है।

बिहार सरकार की यह योजना किसानों को आधुनिक तकनीक और वित्तीय सहायता प्रदान कर कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी। छोटे से लेकर बड़े किसान तक इस योजना का लाभ उठा कर अपने खेतों को अधिक उत्पादक बना सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

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