राज्य कृषि समाचार (State News)

सावधान रहें किसान! कृषि योजनाओं के नाम पर हो रही साइबर ठगी, विभाग ने जारी की एडवायजरी

31 जुलाई 2025, भोपाल: सावधान रहें किसान! कृषि योजनाओं के नाम पर हो रही साइबर ठगी, विभाग ने जारी की एडवायजरी – किसानों के कल्याण और कृषि विकास से जुड़ी योजनाओं के नाम पर हो रही सायबर ठगी को देखते हुए कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा एडवायजरी जारी की गई है। विभाग ने किसानों को सचेत किया है कि वे किसी अनजान कॉल या सोशल मीडिया संदेश पर भरोसा न करें।

कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के नाम पर हो रही धोखाधड़ी

कृषि अभियांत्रिकी के संचालक ने बताया कि कुछ सायबर ठग, कस्टम हायरिंग सेंटर योजना का लाभ दिलाने के नाम पर खुद को विभागीय अधिकारी बताकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं और धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे मामलों की शिकायतें सामने आ रही हैं। उन्होंने साफ किया कि कस्टम हायरिंग योजना की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इस प्रक्रिया में किसी भी हितग्राही से व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाता है।

इन नंबरों से कॉल आए तो न करें जवाब

विभाग ने किसानों को सतर्क करते हुए कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सूची दी है, जिनसे कॉल, वीडियो कॉल या वॉट्सऐप कॉल्स आ रहे हैं। ये नंबर हैं:
1.  07056847570
2. 07088438459
3. 0756847570
4. 9520711020

इन नंबरों से आने वाले किसी भी कॉल या मैसेज का उत्तर न दें। ऐसे अनजान लोगों पर विश्वास न करें और अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

फर्जी अधिकारी बनकर करते हैं संपर्क

विभाग ने कहा है कि कुछ लोग खुद को विभागीय अधिकारी बताकर भी कॉल करते हैं और योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लुभावने वादे करते हैं। ऐसे किसी भी व्यक्ति की बात पर तुरंत विश्वास न करें। हो सकता है कि वे आपकी जानकारी पहले से प्राप्त कर चुके हों और उसी का गलत उपयोग कर रहे हों।

साइबर ठगी का शिकार होने पर कहां करें शिकायत?

यदि किसी किसान के साथ कोई सायबर ठगी या धोखाधड़ी होती है, तो वह तुरंत इसकी शिकायत करें:

1. नजदीकी पुलिस थाने में

2. www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर

3. साइबर क्राइम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1930 पर

किसानों से अपील

कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने सभी किसानों से अपील की है कि वे केवल सरकारी पोर्टल और अधिकृत स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। किसी भी अनजान नंबर या व्यक्ति के कहने पर कोई भी वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी न दें।

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