फसल विविधीकरण की दिशा में रिनिया क्षेत्र के कृषक अग्रसर
10 दिसंबर 2025, विदिशा: फसल विविधीकरण की दिशा में रिनिया क्षेत्र के कृषक अग्रसर – कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अंशुल गुप्ता के मार्गदर्शन में विदिशा जिले में निरंतर नवाचार आधारित कृषि पहल को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी कड़ी में विकासखंड नटेरन की ग्राम पंचायत रिनिया के कृषकों ने परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए चिया सीड्स एवं कलौंजी जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती को बड़े पैमाने पर अपनाया है।
प्रेरणास्रोत – ग्राम के कृषक का नवाचार बना प्रेरणा स्रोत ग्राम रिनिया के प्रगतिशील कृषक श्री यशवंत तिवारी ने बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व एक कृषक मित्र से मिली प्रेरणा के आधार पर उन्होंने 1 हेक्टेयर क्षेत्र में चिया सीड्स की खेती की शुरुआत की थी। समय के साथ उन्होंने ग्राम के अन्य कृषकों मोहनबाबू तिवारी, बृजेश तिवारी, राधेश्याम तिवारी, धनराज कुशवाह, कैलाश अहिरवार, राहुल मालवीय, रामस्वरूप कुशवाह, सुन्दरसिंह कुशवाह एवं नारायणसिंह कुशवाहकृको भी इस नई फसल योजना से जोड़ा।
रकबा – 1 से 50 हेक्टेयर तक पहुँचा – चिया सीड्स का रकबा। श्री तिवारी के अनुसार, इस वर्ष रिनिया क्षेत्र में 50 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में चिया सीड्स तथा 30 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में कलौंजी की खेती की गई है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि ग्राम में फसल विविधिकरण की ओर तेजी से सकारात्मक बदलाव हो रहा है।
कम लागत में अधिक लाभ – क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी श्री राघवेंद्र अहिरवार एवं श्री अभिषेक जैन द्वारा प्रदाय जानकारी के अनुसार,एक एकड़ में चिया सीड्स की खेती पर लगभग 15,000 से 20,000 रुपये तक की लागत आती है,जबकि उत्पादन का बाजार मूल्य 1 लाख रुपये से अधिक प्राप्त होता है। यह फसल परंपरागत फसलों की तुलना में अत्यधिक लाभदायक साबित हो रही है। श्री यशवंत तिवारी ने आगे बताया कि खरीफ 2026 से सोयाबीन जैसी परंपरागत फसलों के स्थान पर वे औषधीय महत्व वाली फसल अकरकरा को शामिल करेंगे। इस फसल की बाजार मांग, औषधीय उपयोगिता एवं उच्च मूल्य को देखते हुए उन्होंने अन्य कृषकों से भी ऐसी फसलों को अपनाने की अपील की है।
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