छत्तीसगढ़ में किसानों को मिली टेक्नोलॉजी की ताकत, 75 किसानों को बांटे गए पावर टिलर
21 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़ में किसानों को मिली टेक्नोलॉजी की ताकत, 75 किसानों को बांटे गए पावर टिलर – छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला अब जैविक खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती के उपकरण अपनाने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में जिला प्रशासन ने यहां के 75 प्रगतिशील किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को पावर टिलर बांटे हैं। सबसे खास बात यह है कि इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग सिर्फ व्यक्तिगत खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए इनका सामूहिक उपयोग भी किया जा रहा है। इससे गांव के अन्य किसान भी इन उपकरणों का लाभ उठा पा रहे हैं।
खेती में बच रहा समय, बढ़ रहा उत्पादन
पावर टिलर की मदद से किसान अब खेत की गहरी जुताई, मिट्टी को बारीक करने और जैविक खाद मिलाने का काम बहुत आसानी से कर पा रहे हैं। जहां पहले पारंपरिक हल से जुताई में दो-तीन दिन लगते थे, वहीं अब यह काम कुछ ही घंटों में पूरा हो रहा है। छोटे आकार और आसान संचालन की वजह से पावर टिलर छोटे जोत के किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद है।
खेती हुई आसान
ग्राम हीरानार के किसान लूदरु राम और ग्राम कासौली के सुरेश नाग ने बताया कि पावर टिलर की वजह से खेती अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। समय की बचत हो रही है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो रही है। यह मल्टीपरपज मशीन है जो जुताई के साथ-साथ मिट्टी पलटने, कतार बनाने, निंदाई-गुड़ाई, खाद मिलाने और ट्रॉली से सामान ढोने जैसे कई कामों में काम आ रही है।
इससे मजदूरी का खर्च भी कम हो गया है और खेती अब ज्यादा टिकाऊ और मुनाफे वाली हो गई है। खास बात यह है कि अब युवा किसान भी आधुनिक खेती की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। पावर टिलर के प्रयोग से खेती आसान और मुनाफेदार बन रही है।
जैविक खेती में भी दिख रहा असर
दंतेवाड़ा जिला अब न सिर्फ अपनी समृद्ध प्राकृतिक संपदा और उपजाऊ मिट्टी के लिए जाना जा रहा है, बल्कि जैविक खेती में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां की जलवायु खेती के लिए अनुकूल है और अब आधुनिक तकनीक के जुड़ने से किसान तेजी से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:


