राज्य कृषि समाचार (State News)

इंग्लैंड के किसानों ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र भरतपुर का भ्रमण, समझी भरतपुर के किसानों की सरसों उत्पादन तकनीकी

26 फरवरी 2024, भरतपुर: इंग्लैंड के किसानों ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र भरतपुर का भ्रमण, समझी भरतपुर के किसानों की सरसों उत्पादन तकनीकी – भारत में किसानों की जोत का आकार बहुत छोटा है वह भी बिखरी हुई है इस पर सरसों की खेती कर किसान किस प्रकार जीवन यापन करता है यह जानने एवं भरतपुर के किसानों की कृषि करने के तरीकों को समझने के लिए इंग्लैंड से 23 किसानों का दल गत 24 फरवरी 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर भरतपुर पहुंचा ।

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ नवाबसिंह ने विदेशी किसानों के ग्रुप लीडर करूण कवाट्रा सहित सभी का स्वागत किया एवं प्रस्तुतिकरण के माध्यम से सरसों की उत्पादन तकनीकी की जानकारी दी। इंग्लैंड के किसानों द्वारा सरसों बीज, तेल एवं खल की उपयोगिता, उत्पादन लागत, उत्पादन की तकनीकी, कृषि में महिलाओं की भागीदारी, भैंस के दूध की उपयोगिता, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, खेती में रसायनों के उपयोग एवं खेती में मशीनों के प्रयोग पर जानकारी प्राप्त की। केन्द्र पर उपस्थित भरतपुर के किसानों से विदेशी किसानों ने वार्ता कर खेती के अनुभव साझा किये उन्होंने बताया कि उनके यहां इंग्लैंड में क्षेत्रफल की दृष्टि से बडे फार्म है जहां ज्यादातर कार्य मशीनों से किया जाता है, फार्म उत्पाद सीधे ही किसानों की कीमत पर फैक्ट्री को बेचा जाता है, सभी किसान व्यवसायिक खेती करते है।

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इंग्लैंड के किसानों द्वारा केन्द्र के फार्म का भ्रमण कर राजस्थान के स्थानीय फल बेर की उत्पादन तकनीकी को जाना एवं बेर का स्वाद पहली बार चखने पर बेर की तारीफ की। गेहूं की बायोफोर्टीफाईड किस्मों की खेती तकनीकी समझी। भारत में शकाहारी भोजन में प्रटीन की पूर्ति करने वाली दलहनी फसलों चना एवं मसूर की खेती को देखा। सरसों की विभिन्न किस्मों एवं सरसों बीज उत्पादन कार्यक्रम को खेत में देखा। विदेशी किसानों ने जिज्ञासावश केन्द्र पर सरसों फसल की कटाई का अनुभव भी प्राप्त किया एवं फोटो वीडियो अपने कैमरों में लिये।

इस अवसर पर केन्द्र के फार्म मैनेजर छोटूलाल शर्मा, निकरा परियोजना के वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता गोविन्द एवं प्रगतिशील किसान भागीदार रहे।

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