राज्य कृषि समाचार (State News)

किसान धाकड़ ने लहसुन की नई किस्म धमनार क्रांति तैयार की

10 अप्रैल 2025, मंदसौर: किसान धाकड़ ने लहसुन की नई किस्म धमनार क्रांति तैयार की – मंदसौर जिले के गांव धमनार के निवासी श्री बद्रीलाल धाकड़ द्वारा लहसुन की नई  वैरायटी तैयार की है। इस लहसुन का नाम किसान द्वारा धमनार क्रांति रखा गया है। श्री धाकड़ ने बताया कि यह वैरायटी दूसरी किस्म की लहसुन से कम खर्च पर उगाई जा सकती है। इसका ज्यादा उत्पादन होता है। इस लहसुन को ज्‍यादा समय के लिए भंडारण कर सकते है। यह लहसुन  165 से 175 दिन में लगभग तैयार हो जाती है। यह  लहसुन एक बीघा में लगभग 25 से 30 क्विंटल का उत्पादन  देती  है। जिसमें  50 से 75 हजार रू का खर्च हो जाता है।

सबसे ज्‍यादा लहसुन की खेती मंदसौर जिले में  की जाती है और किसान नए-नए प्रयोग भी करते है मंदसौर जिला कृषि के  क्षेत्र  में जो क्रांति ला रहा है। वह बहुत  अद्भुत  है। उटी लहसुन की एक किस्‍म आती है जिसका बीज किसान प्रत्येक वर्ष खरीदना पड़ता है और इसे 6  महीने से ज्‍यादा स्‍टोरेज  नहीं  कर सकते। इसलिए किसान ऊटी लहसुन के बीज को दोबारा अपने खेत में नहीं लगा सकता है।  फिर नया बीज लेना ही पड़ता है। इसका समाधान किसान श्री बद्रीलाल ने करके दिखाया है, उन्होंने  शासन की योजनाएं ड्रिप पाइप, मल्चिंग का भी लाभ  और अनुदान भी प्राप्त किया। किसान बद्रीलाल ने वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में हिमाचल की वैरायटी को 3 सालों के सघन शोध के बाद में एक क्रॉस बीज तैयार किया है। इसकी कैपेसिटी इतनी है कि जिन खेतों में लहसुन होना बंद हो गई है वहाँ पर भी  इसका  उत्‍पादन हो जाता है। इस लहसुन की  मूल विशेषता यह है कि इसकी गठान भी लगभग 50 से 75 ग्राम की होती है।  दूसरी  विशेषता यह है कि इसका पर्दा बहुत ज्‍यादा है और आज मार्केट में पर्दे  की  बड़ी वेल्यू  है। इसके 10-12 पर्दे रहते है जिससे लहसुन खराब नही होती ओर इसमे ज्‍यादा सफेदपन है और भारीपन भी ज्‍यादा है।  यह 12 से 18  महीने  तक खराब भी नही होती है। यह सारे गुण इस फसल में है।

Advertisement
Advertisement

इस फसल को लेकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं किसान लंबी अवधि तक अपने पास रख सकता है। किसानों की सारी समस्याओं का समाधान इस फसल में मिल जाता है। 5 महीने तक फसल खेत में खड़ी रहती है और अच्छे से मेहनत की जाए तो उत्पादन भी 20 से 30 क्विंटल तक हो जाता है। मल्चिंग से किसानों को खेती करने से फायदा होता है। फसल में बीमारियों की रोकथाम होती है। काली मस्‍सी, गोरी मस्‍सी बीमारी नहीं होती और फंगस नहीं आती है।  खरपतवार भी नहीं निकलती है। छोटे जानवर इसमें नहीं आते हैं। पौधों में नाइट्रोजन की जरूरत होती है। मल्चिंग से पौधों को नाइट्रोजन नहीं देना पड़ता है ,कम पानी में भी ज्यादा फसल होती है।  

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement