जल भराव के कारण मक्के की फसल में कीट का प्रकोप बढ़ रहा
11 जुलाई 2025, भोपाल: जल भराव के कारण मक्के की फसल में कीट का प्रकोप बढ़ रहा – बारिश के इस मौसम में देश प्रदेश के किसानों के खेतों में जल भराव की स्थिति भी बन रही है और इस कारण मक्के की फसल में कीट का भी प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे किसानों ने चिंता जाहिर की है। हालांकि कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से यह कहा है कि वे कुछ सावधानियां रखें ताकि फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाया जा सके।
वैज्ञानिकों के अनुसार मौजूदा स्थिति में फॉल आर्मी वर्म कीट और सैनिक कीट का अटैक ज्यादा देखा जा रहा है। ऐसे में किसानों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। कृषि विभाग की टीम ने इन कीटों के नियंत्रण के लिए कुछ जरूरी कीटनाशकों का इस्तेमाल करने को कहा है।
फॉल आर्मी वर्म एक प्रमुख कीट है जो मक्का की फसल को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट मक्का के पत्तों और बालों को खाता है, जिससे फसल की उत्पादकता में कमी आती है। फॉल आर्मी वर्म कीट को 2 प्रकार से नियंत्रित किया जा सकता है। जैविक और रासायनिक तरीके से। फॉल आर्मी वर्म के प्राकृतिक शत्रुओं, जैसे कि परजीवी ततैया और मकड़ियों का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही रासायनिक नियंत्रण के लिए साइपरमेथ्रिन, डेल्टामेथ्रिन और क्लोरपायरीफॉस जैसे कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।
मक्का में सैनिक कीट के नियंत्रण के लिए दानेदार थायोमेथॉक्साम कलोरोएंट्रीनीलीप्रो ल, 2.5 किग्रा प्रति एकड़ की दर से 4-6 दाने मक्का की पिंगली में और परनिया छिड़काव के लिए फ्लूबेंडा माईट 480 एससी 60 मिली प्रति एकड़ या स्पाइनासेड 45 एससी 80 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करने की सलाह दी है।
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