MP में खाद वितरण में गड़बड़ी पर कलेक्टर होंगे जवाबदेह, CM मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश
05 सितम्बर 2025, भोपाल: MP में खाद वितरण में गड़बड़ी पर कलेक्टर होंगे जवाबदेह, CM मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों में उर्वरक (खाद) वितरण के मामले में जिला प्रशासन को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उपलब्ध उर्वरक की सही और समय पर किसान तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इस प्रक्रिया में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। यदि किसी जिले में खाद वितरण में कोई अव्यवस्था पाई जाती है, तो उसके लिए जिला कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ी है।
अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बाढ़ और अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तुरंत शुरू किए जाएं। जनहानि और पशु हानि की स्थिति में 24 घंटे के अंदर राहत मुहैया कराई जाए। बाढ़ के दौरान अस्थायी कैंप, राशन और भोजन वितरण की व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित हो। सभी जिलों में पुलिस प्रशासन को सतर्क और सक्रिय रहकर पुलों और नदियों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी होगी।
उर्वरक वितरण की वास्तविक स्थिति से किसानों को अवगत कराएं
मुख्यमंत्री ने जिलों में उर्वरक उपलब्धता की सघन समीक्षा करने के साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ भी उर्वरक के स्टॉक की जानकारी साझा करने का निर्देश दिया। इससे किसानों को जिले में खाद की वास्तविक उपलब्धता की सही जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने डबल लॉक, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण अनिवार्य करने और अतिरिक्त विक्रय केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग, सहकारी बैंक और विपणन संघ के अधिकारियों को भी सतत संपर्क में रहने को कहा गया।
उर्वरक कालाबाजारी और अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई
बैठक में यह भी बताया गया कि उर्वरक कालाबाजारी, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और नकली उर्वरक जैसे मामलों में 53 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 88 लाइसेंस निरस्त किए गए, 102 लाइसेंस निलंबित और 406 विक्रय केंद्रों पर प्रतिबंध लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने बेहतर वितरण व्यवस्था के लिए धार, दमोह, जबलपुर और रीवा जिलों के नवाचारों को अन्य जिलों में भी अपनाने के निर्देश दिए।
प्रदेश में भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति
प्रदेश में इस वर्ष औसत से 21% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 21 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिनमें भिंड, छतरपुर, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर और रायसेन प्रमुख हैं। बाढ़ के कारण 394 लोगों की जनहानि हुई और 5,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। पशु हानि की संख्या भी 1,814 तक पहुंची है। प्रभावित 17,500 से अधिक किसानों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि स्वीकृत की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी अधिकारियों और जिला कलेक्टर्स से कहा है कि वे किसानों के हित में कार्य करें और उर्वरक वितरण की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। बाढ़ और अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में राहत कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से करें। पुलिस प्रशासन भी पूरी सजगता के साथ काम करे ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
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