कृषि में विविधता लाएं व किसान आय के स्त्रोत बढ़ाएं: डॉ रमन सिंह
20 अगस्त 2024, भोपाल: कृषि में विविधता लाएं व किसान आय के स्त्रोत बढ़ाएं: डॉ रमन सिंह – भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के राष्टीय जैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान में लाभार्थी किसान सम्मलेन का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय डॉ रमण सिंह, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कृषि मंत्री माननीय श्री रामविचार नेताम एवं विशेष अतिथि माननीय विधायक श्री अनुज शर्मा थे I मुख्य अतिथि डॉ रमन सिंह ने संसथान द्वारा किये जा रहे अनुसंधान की प्रशंसा की। अपने सम्बोधन में बताया की देश में जैविक स्ट्रैस जिनमे नाशी कीट , रोग, खरपतवार आदि हैं इनसे प्रति वर्ष लगभग एक लाख चालीस हज़ार करोड़ का नुकसान होता है व् 30 से 35 प्रतिशत फसल भी ख़राब होती है। छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर आधारित है अतः खेती साथ साथ अन्य साधन जैसे कड़कनाथ पालन, बागवानी आदि को बढ़ावा देने की जरुरत है। डॉ रमन सिंह ने 2012 में संसथान की नींव रखने के दिन का स्मरण कर अब तक की प्रगति पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ राज्य को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ और भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् का यह एकलौता संसथान स्थापित होकर आज छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पुरे भारतवर्ष में कृषि अनुसन्धान एवं शिक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति पर खड़ा है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में संस्थान के योगदान की प्रशंसा की और और अधिक प्रगति करने के लिए प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि श्री रामविचार नेताम कृषि मंत्री ने परम्परागत कृषि को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कोदो, कुटकी आदि छोटे अंनाजो के अधिक उत्पादन हेतु अनुसन्धान की आवश्यकता को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने किसानो का फीडबैक भी लिया व किसानों ने आय के श्रोत बढ़ाने के कई उदाहरण दिए जो कि इस संस्थान के योजनाओं द्वारा किसानो के हित में चलायी जा रही हैं
विशेष अतिथि श्री अनुज शर्मा किसानो को संसथान से जुड़ने व विभिन्न योजनाओ व् प्रशिक्षणो का लाभ लेने को कहा।
कार्यक्रम से पूर्व सभी अतिथियों ने संसथान के विभिन्न अनुसंधान प्रयोगशालाओं को देखा व वैज्ञानिकों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने संस्थान की गतिविधियों और उपलब्धियों को देखा और सराहा।
संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी के घोष ने अतिथियों का स्वागत किया व साथ ही संसथान द्वारा किये जा रहे अनुसन्धान, शिक्षा व् प्रसार के कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया I इस कार्यक्रम का आयोजन गोद ग्राम के किसानों के लिए आयोजित किया गया था जिसके तहत हितग्राही आदिवासी किसान और अनुसूचित जाती के किसानो को कृषि उपकरण जैसे पॉवर रीपर, डीजल पंप, तेल निष्कासन मशीन, विनोयिंग पंखे व स्प्रयेर का वितरण मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के करकमलों से किया गया I
इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत खरोरा, तिल्दा व आरंग तहसील के गोद लिए गए 16 गावों, जनजातीय उप-योजना के गोद ग्राम, फार्मर्स फर्स्ट कार्यक्रम कि अंतर्गत कसडोल, जिला बलोदा बाजार के आदिवासी किसानों ने भागीदारी ली जिनकी संख्या 300 से ऊपर थी|
कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कामधेनु विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों ने भाग लिया I उप-योजनाओं के नोडल अधिकारी डॉ ममता चौधरी, डॉ. श्रीधर, डॉ पी मूवेंथान थे I
सभी अतिथियों ने वृक्षरोपण कर रुद्राक्ष के वृक्ष लगाये।
कार्यक्रम का संचालन संयुक्त निदेशक डॉ पंकज शर्मा ने किया I धन्यवाद डॉ ममता चौधरी ने दिया।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: