राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान सरकार की बड़ी सौगात: 75 लाख किसानों को मिला 42 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज

16 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान सरकार की बड़ी सौगात: 75 लाख किसानों को मिला 42 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज – राजस्थान में किसानों के लिए राहत और समृद्धि की बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण समेत कई योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया है। सहकारिता विभाग ने अब तक 75.52 लाख किसानों को 42,131 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित कर रिकॉर्ड बनाया है।

सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025-26 में 35 लाख किसानों को 25,000 करोड़ रुपये का और ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा ताकि खेती को घाटे का नहीं, मुनाफे का जरिया बनाया जा सके।

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किसानों को आर्थिक संबल देने वाली अन्य बड़ी योजनाएं

1. मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋण भी वितरित – सरकार ने सिर्फ अल्पकालीन ही नहीं, बल्कि खेती-किसानी से जुड़े दीर्घकालीन हितों का भी ध्यान रखा है। अब तक 805 करोड़ रुपये के मध्यकालीन और 232 करोड़ रुपये के दीर्घकालीन ऋण भी किसानों को वितरित किए जा चुके हैं।

2. मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का विस्तार – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को अब मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। पहले जहां 2000 रुपये सालाना की सहायता दी जाती थी, वहीं अब 2025-26 में यह बढ़ाकर 3000 रुपये सालाना कर दी गई है। अभी तक 70.21 लाख किसानों को 1355.18 करोड़ रुपये की सीधी सहायता उनके खातों में भेजी जा चुकी है।

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3. गोपालकों के लिए भी राहत – पशुपालकों के लिए राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना चलाई जा रही है। इसके तहत 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है जिससे पशुधन आधारित आय में वृद्धि हो रही है।

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4. लघु उद्यमियों को राहत – मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना के तहत मूलधन जमा करने पर 100% ब्याज माफ किया जा रहा है। इस योजना से अब तक 4,882 लघु उद्यमियों को 81 करोड़ रुपये की राहत मिल चुकी है।

सहकारी समितियों का तेज़ी से विस्तार

राज्य सरकार ने गांव-गांव तक सहकारिता पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया है:
–  216 नए पैक्स,
–   97 लैम्प्स,
–    313 ग्राम सेवा सहकारी समितियां गठित,
–    212 नए गोदाम बनाए,
–    412 कस्टम हायरिंग सेंटर भी शुरू किए गए हैं।

इन सभी कदमों का मकसद किसानों की उत्पादन लागत को घटाकर आमदनी बढ़ाना और गांवों की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करना है।

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में राजस्थान बना मिसाल

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मौके पर राजस्थान पूरे देश में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरा है। सरकार का दावा है कि ‘सहकार से समृद्धि’ का मंत्र गांव-गांव तक पहुंचाया जा रहा है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है।

राजस्थान सरकार की ये योजनाएं न सिर्फ किसानों के आर्थिक बोझ को कम कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।

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