राजस्थान में खाद व्यापारियों पर बड़ी कार्रवाई: दो विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, तीन को नोटिस जारी
05 अगस्त 2025, भोपाल: राजस्थान में खाद व्यापारियों पर बड़ी कार्रवाई: दो विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, तीन को नोटिस जारी – राजस्थान के एक जिले में उर्वरक निरीक्षकों ने आदान (कृषि सामग्री) विक्रेताओं की जांच की। इस दौरान कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। इसके चलते दो प्रतिष्ठानों के उर्वरक लाइसेंस 14 दिनों के लिए निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि तीन अन्य विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
इन फर्मों पर की गई कार्रवाई
संयुक्त निदेशक कृषि (विकास) कौशल कुमार सोमानी ने बताया कि मैसर्स अम्बिका एंटरप्राइजेज, खटखड़ और श्री बालाजी कृषि सेवा केंद्र, नीम का खेड़ा का 1 अगस्त को निरीक्षण किया गया।
अम्बिका एंटरप्राइजेज में ये कमियां पाई गईं
1. स्टॉक रजिस्टर और गोदाम में मौजूद उर्वरकों के स्टॉक में अंतर
2. विक्रय की सूचना संबंधित प्राधिकरण को नहीं भेजना
3. स्टॉक और मूल्य सूची का प्रदर्शन नहीं करना
ये सभी कमियां “उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985” के स्पष्ट उल्लंघन के तहत आती हैं। इसी आधार पर इस प्रतिष्ठान का लाइसेंस 14 दिनों के लिए निलंबित किया गया।
श्री बालाजी कृषि सेवा केंद्र, नीम का खेड़ा में ये गड़बड़ियां पाई गईं
1. स्टॉक में अनियमितता
2. किसानों को बिल नहीं देना
3. प्वाइंट ऑफ सेल मशीन का बंद रहना
4. विक्रय की सूचना नियमित रूप से न भेजना
5. स्टॉक और मूल्य सूची का प्रदर्शन न होना
इन गंभीर खामियों को कालाबाजारी का प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए इस फर्म का भी लाइसेंस 14 दिन के लिए निलंबित किया गया है।
7 दिनों में स्पष्टीकरण नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई
दोनों फर्मों को 7 दिन के भीतर जवाब देने का मौका दिया गया है। यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को सलाह: मृदा कार्ड के अनुसार करें उर्वरकों का उपयोग
संयुक्त निदेशक ने सभी आदान विक्रेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि वे उर्वरक प्राप्ति की जानकारी स्थानीय कृषि विभाग को जरूर दें। केवल विभागीय निगरानी में ही उर्वरकों का विक्रय करें। साथ ही, किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड या विभागीय सिफारिशों के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग करें। इससे उपज में बढ़ोतरी और मिट्टी की सेहत में सुधार होगा।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: