‘बैंबू मैन’ विश्वकर्मा राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड से सम्मानित
13 दिसंबर 2025, इंदौर:‘बैंबू मैन’ विश्वकर्मा राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड से सम्मानित – पुनर्योजी कृषि और मिट्टी की सेहत सुधारने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नीमच जिले के ग्राम भाटखेड़ी के प्रगतिशील किसान श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा ‘बैंबू मैन’ को राष्ट्रीय स्तर के “प्रोफेसर रतनलाल अवॉर्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन रिजनरेटिव एग्रीकल्चर – 2025” से भोपाल में सम्मानित किया गया।
यह अवार्ड कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉइल साइंस, भोपाल और अंतरराष्ट्रीय संस्था सॉलिडैरिडाड द्वारा “विश्व मृदा दिवस” के अवसर पर शुरू की गई विशेष श्रृंखला के तहत दिया गया। विश्वकर्मा को यह सम्मान फार्मर (इंडिविजुअल) श्रेणी में मृदा स्वास्थ्य सुधार, जैविक व रिजनरेटिव खेती की उन्नत तकनीकों को अपनाने और बांस आधारित खेती–उद्यम के माध्यम से टिकाऊ आजीविका का मॉडल विकसित करने के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने अपने खेतों में फसल विविधीकरण, फसल अवशेष प्रबंधन, जैविक खाद तथा बांस के रोपण को बढ़ावा देकर मिट्टी में कार्बन बढ़ाने और रासायनिक खादों पर निर्भरता घटाने की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम दिखाए हैं।
पुरस्कार वितरण समारोह गत दिनों भोपाल में आयोजित हुआ, जिसमें देश भर से चुने गए 14 विशेषज्ञों और किसानों को भारत रत्न डॉ एम. एच. मेहता, राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर डॉ. मनोरंजन मोहंती, डॉ शताद्रु चट्टोपाध्याय एवं डॉ सुरेश मोटवानी द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों और नीति–निर्माताओं ने कहा कि श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा जैसे किसान पुनर्योजी कृषि के प्रेरक उदाहरण हैं,जो मृदा, पर्यावरण और किसान की आय तीनों की सुरक्षा करते हुए नई पीढ़ी के लिए टिकाऊ खेती का रास्ता दिखा रहे हैं।
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