राज्य कृषि समाचार (State News)

मूंग की फसल में ग्लाइफोसेट एवं पैराक्वाट के उपयोग से बचें  

17 मार्च 2025, कटनी: मूंग की फसल में ग्लाइफोसेट एवं पैराक्वाट के उपयोग से बचें – जिले के कृषकों द्वारा रबी फसल की कटाई उपरांत मूंग की खेती का कार्य किया जाता है। जायद मूंग की फसल की कटाई के दौरान देखने में आया है कि कृषक मूंग की फसल को सुखाने के लिये ग्लाइफोसेट एवं पैराक्वाट आदि हर्बीसाइड दवा का प्रयोग करते है, जिससे फसल आसानी से हार्वेस्टर से कटाई की जा सके।

उप संचालक कृषि ने जानकारी देते  हुए बताया कि ग्लाइफोसेट एवं पैराक्वाईट आदि हर्बीसाईड दवा का के अवशेष मूंग की फसल में रह जाते हैं परिणामस्वरूप इसके दुषप्रभाव मनुष्यों के साथ-साथ पशु पक्षियों, मृदा एवं मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीवों पर भी पड़ता है। इन रसायनों के हानिकारक तत्व लंबे समय तक मृदा एवं जल में रहते  हैं जिसके कारण गंभीर बीमारिया जन्म लेती है।    

Advertisement
Advertisement

आपने जिले के कृषकों से अपनी मूंग की फसल में वैज्ञानिक अनुशंसित मात्रा एवं रोग बीमारियों के आधार पर ही कीटनाशक खरपतवार नाशक दवाओं का प्रयोग करने का आग्रह किया है तथा  कृषकों  से मूंग की फसल में अनावश्यक रूप से कीटनाशक, खरपतवार नाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करने व ग्लाइफोसेट एवं पैराक्वाट आदि हर्बीसाइड दवाओं प्रयोग करने से पूर्णतः बचने की सलाह दी है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये अपने कृषि विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement