राज्य कृषि समाचार (State News)

स्कूल में कृषि विषय होना चाहिए- सोनम वांगचुक

जैन हिल्स में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया गया

23 दिसंबर 2024, जलगांव: स्कूल में कृषि विषय होना चाहिए- सोनम वांगचुक – किसान कड़ी मेहनत और विश्वास से एक दाने से एक हजार दानों का उत्पादन लेते हैं। इसके लिए उसे प्राकृतिक आपदाओं की परवाह नहीं है।  किसानों और शिक्षकों को सदैव शिक्षक ही मानना चाहिए, क्योंकि ये दोनों हममें से प्रत्येक का जीवन बदल देते हैं। प्रत्येक शिक्षण संस्थान, विद्यालयों में कृषि को प्रात्यक्षिक प्रदर्शन के साथ पढ़ाया जाना चाहिए।  इससे  छात्रों में स्वयं किसान बनने या बली राजा से मिलने वाले भोजन का सम्मान करने की आदत अपने आप विकसित हो जाएगी। किसानों के ज्ञान को समझना चाहिए, सबसे पारदर्शी लेनदेन किसानों का है। ऐसा महत्त्वपूर्ण मनोगत सोनम वांगचुक ने किया ।

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सोनम वांगचुक ने जैन हिल्स स्थित कृषि अनुसंधान प्रात्यक्षिक केंद्र में 14 जनवरी 2025 तक चलने वाले ‘हाई-टेक खेती की नई गुंज’ कृषि महोत्सव में किसानों से बातचीत की। 23 दिसंबर राष्ट्रीय किसान  दिवस  किसानों को सम्मान देकर मनाया गया। आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के किसानों को औक्षण और गांधी टोपी देकर सम्मानित किया गया, जबकि महिला किसानों को रूमाल देकर सम्मानित किया गया।

किसान दिवस के मौके पर बोलते हुए सोनम वांगचुक ने आगे कहा कि, जैन इरीगेशन किसानों के लिए एक प्रभावी संगठन है और उनके साथ जुड़ने के बाद लद्दाख में पानी की जो समस्या होती थी, वह ‘आइस स्टुफा’ से दूर हो गई है।  इसके लिए एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया।  शिक्षा क्षेत्र में कृषि को एक विषय के रूप में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि खाना कैसे बनता है, उसके लिए क्या प्रयास किये जाते हैं, इसकी जानकारी होनी चाहिए।  गणित, बायोलॉजी, मायक्रो बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, विज्ञान  जैसे विषय कृषि के पूरक हैं और इन्हें सीखना चाहिए। चूंकि कृषि एक महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए स्कूलों में कृषि का अभ्यास होना चाहिए, प्रत्येक छात्र को किसान बनना चाहिए। ये मेरा सपना है।

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लद्दाख में फल, फूल उगाने के लिए जैन इरिगेशन के साथ काम कर रहे है। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सेब व अन्य बगीचों पर शोध कार्य किया जा रहा है। जैन तकनीक लद्दाख में पैदा होने वाली दुनिया की सबसे मीठी खुबानी के बारे में कुछ कर सकती है? इसके लिए चर्चा चल रही है।  प्रदर्शनी में जैन हाईटेक कृषि का नया उद्यम नजर आ रहा है, जिसका लक्ष्य कम पानी और कम  खाद  से पैदावार दोगुनी करना है। सोनम वांगचुक ने भी किसानों से इस प्रदर्शनी में आकर जानकारी लेने की अपील की।

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डॉ. बी. के. यादव ने ‘आइस स्टुफा’ अवधारणा के बारे में जैन इरिगेशन और सोनम वांगचुक ने इसपर बात की। श्री एस. एन. पाटिल ने ‘ जैन हाईटेक खेती की नई गुंज’ इस कृषि महोत्सव का परिचय  दिया । इस अवसर पर सोनम वांगचुक सहित  जैन परिवार से श्री अभंग जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनिल ढाके, डाॅ. बी. के. यादव, श्री एस. एन. पाटिल, श्री संजय सोनजे, श्री अनिल जोशी, श्री  गिरीश कुलकर्णी सहित सहकर्मी उपस्थित थे।संचालन दीपक चांदोरकर ने किया।

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