राज्य कृषि समाचार (State News)

सीहोर में फसल सर्वे का अपर कलेक्टर ने किया निरीक्षण

03 अक्टूबर 2024, सीहोर: सीहोर में फसल सर्वे का अपर कलेक्टर ने किया निरीक्षण – राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा एवं कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के निर्देश पर जिले में वर्षा से सोयाबीन फसल को हुई क्षति का कृषि अधिकारियों  एवं राजस्व अधिकारियों तथा फसल बीमा कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा खेतों में जाकर सर्वे किया जा रहा है। निरीक्षण के समय किसान भी खेतों में उपस्थित रहे। सर्वें के उपरान्त सोयाबीन फसल को हुए नुकसान का किसानों बीमा दिलाया जायगा।

अपर कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह ने आष्टा तहसील के प्रभावित किसानों के खेतों पहुंचकर सर्वे की कार्यवाई का निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वे दल को निर्देश दिए हैं कि सर्वे से कोई भी प्रभावित किसाना नहीं छूटे। उन्होंने कहा कि सर्वे की कार्यवाही जल्द की जाए ताकि जल्द से जल्द प्रभावित किसानों को फसल बीमा की राशि दिलाई जा सके।  

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तोरिया व असिंचित सरसों की बुवाई के लिए सही समय

खरीफ फसल मक्का, मूंग, उड़द व सोयाबीन की जहां कटाई हो रही है, उन क्षेत्रों में खेत की दो से तीन बार हकाई, जुताई कर खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित करें। तोरिया व असिंचित सरसों की बुवाई करने का यह उचित समय है।उन्नत किस्में,, तोरिया की किस्म जवाहर तोरिया-1, राज विजय तोरिया-1, राज विजय तोरिया-2, राज विजय तोरिया-3 और सरसों की उन्नत किस्म जवाहर सरसों-3, राजविजय सरसों-2, पूसा जय किसान, गिरिराज, आरएच-725 आरएच-749 किस्मों का चयन करें।

भूमि का चुनाव व तैयारी तोरिया व सरसों के लिए दोमट या बलुई मिट्टी, उचित जल निकास वाली उपयुक्त होती है। खरीफ फसलों की कटाई के बाद 2 से 3 बार खेत की कल्टीवेटर से जुताई कर खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित कर लें। खेत में बड़े-बड़े ढेले नहीं बनने चाहिए।बीज की मात्रा व बीजोपचार बुवाई के लिए तौरिया के 4 से 5 किलो व सरसों के 5 से 6 किलो बीज की जरूरत होती है। तोरिया व सरसों के बीज को बुवाई पूर्व फफूंदनाशक कार्बेंडाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित अवश्य करें।बुवाई का समय तोरिया के बुवाई का उपयुक्त समय सितंबर का द्वितीय व तृतीय सप्ताह है। सरसों की असिंचित अवस्था में बुवाई का उपयुक्त समय 15 सितंबर से अक्टूबर का प्रथम सप्ताह है।

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बुवाई की विधि तोरिया व सरसों की बुवाई देसी हल या सरिता या सीड ड्रिल से कतार में करें। तोरिया व सरसों की बुवाई कतार से कतार दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर हो। बुवाई 2 से 3 सेमी गहराई पर करें।खाद व उर्वरक प्रबंधन तोरिया व सरसों की फसल के लिए 10 से 12 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का उपयोग करें। तोरिया की फसल में 60 किलो नत्रजन, 30 किलोग्राम स्फुर, 20 किलोग्राम पोटाश व 20 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित सरसों में 40 किलो नत्रजन, 20 किलो स्फुर, 10 किलो पोटाश व 15 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित अवस्था में नत्रजन, स्फुर, पोटाश व सल्फर की पूरी मात्रा का उपयोग फसल की बुवाई के समय करें।खरपतवार नियंत्रण तोरिया व सरसों की फसल में बुवाई के तुरंत बाद फसल के अंकुरण पूर्व खरपतवारनाशक दवा पेण्डामिथलीन 30 ईसी मात्रा 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर 500 लीटर I

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