राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में 12 सालों में नवकरणीय ऊर्जा में 14 गुना उछाल, रीवा सौर परियोजना बनी ग्लोबल मॉडल

17 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में 12 सालों में नवकरणीय ऊर्जा में 14 गुना उछाल, रीवा सौर परियोजना बनी ग्लोबल मॉडल – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 140 करोड़ भारतीय देश को विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने ग्रीन एनर्जी को भारत की दीर्घकालिक प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि “ग्रीन फ्यूचर और नेट ज़ीरो” सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि हर राज्य की प्रतिबद्धता हैं, जो भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों का प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 12 सालों में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता में 14 गुना वृद्धि हुई है, जिससे अब राज्य की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता का 21% हिस्सा नवकरणीय ऊर्जा से आता है।

रीवा सौर परियोजना: एक वैश्विक केस स्टडी

मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को बिजली सप्लाई की जा रही है, और इसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगर-शाजापुर-नीमच में 1500 मेगावाट की सौर परियोजना निर्माणाधीन है, जबकि ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना पर काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने 2025 तक सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, राज्य में 15 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जहां 7500 मेगावाट सौर ऊर्जा और 3000 मेगावाट पवन ऊर्जा स्थापित करने की योजना है।

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नर्मदापुरम में 464.65 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन की स्थापना की है। इस जोन में भूमि, विद्युत और जल दरों पर आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और जर्मनी-डेनमार्क जैसे देशों के मंत्री भी शामिल हुए, जो भारत के ग्रीन एनर्जी प्रयासों के समर्थन में थे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements