प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना क्या है? 100 पिछड़े जिलों के किसानों को कैसे मिलेगा फायदा, यहां समझें पूरा गणित
11 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना क्या है? 100 पिछड़े जिलों के किसानों को कैसे मिलेगा फायदा, यहां समझें पूरा गणित – भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए राष्ट्र का विकास किसानों और एग्रीकल्चर सेक्टर की मजबूती पर ही निर्भर करता है। हालांकि, किसानों की आय, संसाधनों तक पहुंच और टिकाऊ खेती के रास्तों में आज भी बड़ी चुनौतियां हैं। इन बाधाओं को दूर करने और खेती को लाभकारी बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को दिल्ली स्थित पूसा संस्थान में किसानों को दो बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन मिशन शामिल है। इन अहम योजनाओं के जरिए देश के लाखों किसानों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली का नया दौर आएगा।
क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना?
प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण कृषि योजना है ,जो उनके जीवन को बदल देगी। इस योजना को 16 जुलाई 2025 को स्वीकृति मिली थी। यह 6 वर्षों तक लागू रहेगी। इस योजना का मकसद देश के 100 पिछड़े या सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले कृषि जिलों की तस्वीर बदलना है।
केंद्र सरकार ने इसके लिए ₹24,000 करोड़ का सालाना बजट तय किया है। खास बात यह है कि इसमें 11 मंत्रालयों की 36 अलग-अलग योजनाओं को एकीकृत किया गया है, जिससे किसान एक ही जगह पर सभी लाभ ले सकें। इससे न केवल प्रशासनिक बोझ कम होगा, बल्कि लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। अनुमान है कि इससे सीधे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा।
एक ही मंच पर मिलेगी 36 योजनाओं की सुविधाएं
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत, 11 अलग-अलग मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा। साथ ही, राज्यों की योजनाओं और स्थानीय लेवल पर निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
इससे किसानों को अब अलग-अलग दफ्तरों और योजनाओं के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही, भारत सरकार ने किसानों के लिए सभी प्रमुख योजनाओं को एकीकृत रूप से एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रावधान किया है, जिससे सभी लाभ एक साथ मिल सकें- जैसे फसल बीमा, खाद-बीज की सब्सिडी, सोलर पंप योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, PM-KISAN और अन्य योजनाएं।
5 बड़े फोकस एरिया जो लाएंगे जमीनी बदलाव
1. कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी: किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उन्नत तकनीक और वैज्ञानिक सलाह देकर प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर।
2. फसल विविधता को बढ़ावा: पारंपरिक फसलों से आगे बढ़कर किसानों को बाजार मांग के अनुसार अन्य लाभदायक फसलों की ओर प्रोत्साहित किया जाएगा।
3. भंडारण और कोल्ड स्टोरेज: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर गोदामों और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होगी, ताकि किसान सही समय पर अपनी उपज बेच सकें।
4. सिंचाई नेटवर्क का विस्तार: ‘हर खेत तक पानी’ के लक्ष्य के साथ सूखा प्रभावित और बारिश पर निर्भर इलाकों में सिंचाई ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
5. सुलभ कृषि ऋण: किसानों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक कर्ज आसानी से और समय पर उपलब्ध हो, इसका प्रावधान होगा।
किन जिलों को किया गया है शामिल?
पीएम धन-धान्य योजना के तहत देश के ऐसे 100 जिलों का चयन किया गया है। जिनका प्रति हेक्टेयर उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है। साथ ही वह एक साल में केवल एक ही फसल कर पाते हो और उस जिले के किसानों की संस्थागत ऋण तक पहुंच कम है।
इन 100 जिलों में से सबसे ज्यादा 12 जिले उत्तर प्रदेश से हैं – जैसे महोबा, झांसी, बांदा, चित्रकूट आदि। इसके बाद महाराष्ट्र (9 जिले), मध्य प्रदेश व राजस्थान (8-8 जिले), और बिहार (7 जिले) शामिल हैं। इसके अलावा बाकी राज्यों से भी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों, पहाड़ी क्षेत्रों और आदिवासी बहुल जिलों को भी योजना में स्थान दिया गया है, ताकि समावेशी विकास हो।
कैसे काम करेगी यह योजना? (कार्यप्रणाली का ढांचा)
1. जिला स्तर पर: हर चयनित जिले में ‘धन-धान्य जिला समिति’ बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता डीएम/कलेक्टर करेंगे। इसमें प्रगतिशील किसान, कृषि वैज्ञानिक और संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे।
2. राज्य स्तर पर: राज्य संचालन समूह बनाए जाएंगे जो जिला समितियों के कार्य में समन्वय बनाएंगे और राज्य-स्तरीय नीतिगत फैसले लेंगे।
3. राष्ट्रीय स्तर पर: दो उच्च स्तरीय समितियां बनाई जाएंगी — एक मंत्रियों की और दूसरी सचिवों की। ये योजनाओं की निगरानी और दिशा तय करेंगी।
4. सेंट्रल डैशबोर्ड: 117 प्रमुख संकेतकों (indicators) के जरिए हर जिले की मासिक प्रगति की समीक्षा होगी। साथ ही हर जिले के लिए एक केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियुक्त होगा, जो जमीनी स्तर पर निगरानी करेगा।
कुल मिलाकर क्या है योजना का उद्देश्य?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य सिर्फ कृषि में सुधार करना नहीं है, बल्कि एक व्यापक ग्रामीण परिवर्तन लाना है। यह योजना खेती को सिर्फ गुजारे का साधन नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक समृद्धि का इंजन बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके जरिए सरकार ‘एक जिला, एक रणनीति’ पर काम करते हुए प्रत्येक क्षेत्र की विशेष जरूरतों के अनुसार समाधान लागू करेगी।
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