अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव श्री ट्रंप को मिला बहुमत
नई दिल्ली। भारत को उम्मीद, ट्रंप की जीत से बदलेंगे समीकरण पाकिस्तान के मोर्चे पर भारत को मिल सकता है अमेरिका का साथ अमेरिकी मतदाताओं ने इस बार राष्ट्रपति चुनावों में वही किया, जो भारत के लोग पिछले आम चुनाव में कर चुके हैं। जैसे भारतीयों ने दिल्ली से बाहर के एक शख्स को प्रधानमंत्री के तौर पर चुना, उसी तरह अमेरिकावासियों ने भी सियासत के खेल में नए नवेले अरबपति कारोबारी डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुना है।
सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर अमेरिका का 45वां राष्ट्रपति बनने के लिए ट्रंप ने कड़े मुकाबले में निर्वाचक मंडल के 289 मत हासिल किए, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी हिलेरी के खाते में 218 मत आए। राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की जरूरत होती है।
इस मायने में ट्रंप की जीत भारत के लिए अहम हो सकती है। जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा ने भी भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों के लिए अलग-अलग डेस्क कायम किए थे। ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने पर भारत अगर अपने संबंधों को और भी बेहतर कर लेता है तो पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली मदद में कटौती हो सकती है।