राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वच्छ पौध कार्यक्रम को दी मंजूरी, देशभर में खुलेंगे 9 CPC केंद्र

10 अगस्त 2024, नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वच्छ पौध कार्यक्रम को दी मंजूरी, देशभर में खुलेंगे 9 CPC केंद्र – केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम (क्लीन प्लांट प्रोग्राम – CPP) को हरी झंडी दे दी है। 1,765.67 करोड़ रुपये के भारी निवेश के साथ यह कार्यक्रम भारत के बागवानी क्षेत्र में नए सुधार लाने के लिए तैयार है।

फरवरी 2023 में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में घोषित इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाना है।

स्वच्छ पौध कार्यक्रम को मिशन लाइफ और वन हेल्थ पहलों के साथ तालमेल में लागू किया जाएगा, जिससे टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। यह कार्यक्रम भारत को फलों के एक अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थापित करने में भूमिका निभाएगा।

इस कार्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा लागू किया जाएगा, जो देश के बागवानी क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने के लिए एक उल्लेखनीय कदम होगा।

स्वच्छ पौध कार्यक्रम के मुख्य लाभ:

किसानों के लिए: सीपीपी के तहत किसानों को वायरस-मुक्त और उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री मिलेगी, जिससे उनकी फसलों की पैदावार बढ़ेगी और आय के नए अवसर खुलेंगे।

नर्सरियों के लिए: प्रमाणित और व्यवस्थित ढांचे के तहत नर्सरियों को स्वच्छ रोपण सामग्री का उत्पादन करने और इसे कुशलतापूर्वक बढ़ावा देने का मौका मिलेगा।

उपभोक्ताओं के लिए: इस कार्यक्रम के माध्यम से उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले, वायरस-मुक्त फल मिलेंगे, जिससे फलों के स्वाद और पोषण के स्तर में सुधार होगा।

निर्यात के लिए: उच्च गुणवत्ता और रोग-मुक्त फलों के उत्पादन से भारत की स्थिति एक अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में मजबूत होगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी देश की हिस्सेदारी बढ़ेगी।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी किसानों के लिए किफायती दरों पर स्वच्छ पौध सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना, चाहे उनकी भूमि का आकार या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। इसके साथ ही, महिला किसानों को भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल करना, जिससे उन्हें संसाधनों, प्रशिक्षण और निर्णय लेने के अवसरों तक बेहतर मिल सके।

कार्यक्रम के मुख्य घटक:

स्वच्छ पौध केंद्र (CPC): देशभर में नौ अत्याधुनिक स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें उन्नत क्लिनिकल मेडिसिन और ऊतक संवर्धन (Tissue Culture) प्रयोगशालाएं होंगी। ये केंद्र वायरस मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इनमें अंगूर (एनआरसी, पुणे), सेब, बादाम, अखरोट आदि शीतोष्ण फल (सीआईटीएच, श्रीनगर और मुक्तेश्वर), खट्टे (सिट्रस) फल (सीसीआरआई, नागपुर और सीआईएएच, बीकानेर), आम/ अमरूद/ एवाकाडो (आईआईएचआर, बेंगलुरु), आम/ अमरूद/ लीची (सीआईएसएच, लखनऊ), अनार (एनआरसी, शोलापुर) और पूर्वी भारत में उष्णकटिबंधीय/ उप-उष्णकटिबंधीय फल शामिल हैं।

प्रमाणन और कानूनी ढांचा: बीज अधिनियम 1966 के तहत एक मजबूत प्रमाणन प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे रोपण सामग्री के उत्पादन और बिक्री में पूरी जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

अवसंरचना बढ़ाना: स्वच्छ रोपण सामग्री के गुणन के लिए बड़े पैमाने पर नर्सरियों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

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