राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

नागपुर से शिवराज सिंह का ऐलान: अब होगा ‘वन नेशन, वन एग्रीकल्चर’ का आगाज़

19 मई 2025, नई दिल्ली: नागपुर से शिवराज सिंह का ऐलान: अब होगा ‘वन नेशन, वन एग्रीकल्चर’ का आगाज़ – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नागपुर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत आयोजित कृषि संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों और कृषि अधिकारियों को संबोधित किया और महाराष्ट्र को कृषि विकास में अग्रणी बनाने के लिए कई घोषणाएं कीं। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, मंत्री आशीष जायसवाल, चंद्रशेखर बावनकुले और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

नई पहल और तकनीकी प्रगति

कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हम महाराष्ट्र से ‘एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम’ का उद्घोष कर रहे हैं।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों, ICAR, कृषि विज्ञान केंद्रों और अन्य कृषि संस्थानों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि पुणे में पौधों की मूल प्रजातियों पर शोध के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जो स्वच्छ पौधा कार्यक्रम का हिस्सा होगी। इसके अलावा, नागपुर में राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो (एनबीएसएस एवं एलयूपी) में आईसीएआर के सभी संस्थानों के प्रमुखों की बैठक आयोजित की जाएगी ताकि राज्य में कृषि विकास की दिशा तय की जा सके।

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चौहान ने बताया कि देशभर में आईसीएआर के 113 संस्थान हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 29 मई से 12 जून तक 15 दिन के अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिक गांवों में जाएंगे और किसानों को टिकाऊ खेती, नई बीज किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया, जिसे एनबीएसएस और एलयूपी ने हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर तकनीक के जरिए तैयार किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र मृदा मानचित्र प्रयोगशाला वाला पहला राज्य बन गया। कपास की फसलों को प्रभावित करने वाले पिंक बॉलवर्म कीट के प्रबंधन के लिए एआई-आधारित स्मार्ट ट्रैप तकनीक भी लॉन्च की गई।

किसानों की चुनौतियां और सम्मान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य विदर्भ में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाना है। वहीं, राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कपास की कटाई में मजदूरों की कमी को एक बड़ी चुनौती बताया और बैटरी से चलने वाले छोटे ट्रैक्टरों के लिए चल रहे अनुसंधान का जिक्र किया।

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कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और किसान उत्पादक संगठनों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नागपुर संभाग के किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विदर्भ के किसानों ने भी अपनी समस्याओं और सुझावों को साझा किया। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, हालांकि किसानों का कहना है कि इन योजनाओं का प्रभाव तभी दिखेगा जब इन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

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