पंजाब में बाढ़ से खराब हुई 5 लाख एकड़ फसल, केंद्र से 151 करोड़ की मांग
19 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: पंजाब में बाढ़ से खराब हुई 5 लाख एकड़ फसल, केंद्र से 151 करोड़ की मांग – पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने हाल की बाढ़ से प्रभावित सीमावर्ती जिलों में खेतों की सफाई के लिए केंद्र सरकार से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 151 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की मांग की है। उन्होंने रबी अभियान 2025 पर राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह अपील की, जहां बाढ़ से 5 लाख एकड़ फसल प्रभावित होने का जिक्र किया गया।
सम्मेलन, जो 16 सितंबर को पूसा भवन में आयोजित हुआ था, में खुडियां ने बताया कि बाढ़ ने राज्य के 2185 गांवों में 5 लाख एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। अमृतसर, तरन तारन, गुरदासपुर, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में खेतों में 5 फीट तक कीचड़ और रेत जमा हो गई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और फसलों को गंभीर क्षति पहुंची है। बीज व उर्वरक आपूर्ति पर केंद्रित मांगें
खुडियां ने आरकेवीवाई के डीपीआर घटक के तहत तत्काल धनराशि जारी करने की मांग की, ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सके। उन्होंने केंद्र से 80 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की, जिससे प्रभावित किसानों को बीज गांव कार्यक्रम के तहत 2 लाख क्विंटल प्रमाणित गेहूं के बीज उपलब्ध कराए जा सकें। इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं के बीज के लिए 25 लाख रुपये की अलग से मांग की गई।
मंत्री ने सरसों के 637 क्विंटल और उड़द के 375 क्विंटल प्रमाणित बीज भी उपलब्ध कराने की अपील की। उन्होंने डीएपी और यूरिया की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, ताकि रबी फसलों की बुआई में देरी न हो। साथ ही, केंद्र द्वारा रोके गए 8,000 करोड़ रुपये के आरडीएफ और अन्य कोषों को जारी करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
खुडियां ने कहा, “पंजाब के लोग देश के किसी भी हिस्से में मुश्किल वक्त में खुलकर आगे आए हैं, अब केंद्र को भी राज्य को इस संकट से उबारने के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए।”
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि केंद्र बाढ़ प्रभावित पंजाब की मदद के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। सम्मेलन में रबी मौसम की तैयारियों पर चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।
पंजाब में बाढ़ का असर अभी भी बरकरार है, और किसान संगठनों ने भी केंद्र से त्वरित सहायता की मांग की है। राज्य सरकार का कहना है कि बिना केंद्रीय मदद के प्रभावित क्षेत्रों में कृषि गतिविधियां पटरी पर लाना मुश्किल होगा।
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