राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पूर्वोत्तर राज्यों में दाल और बागवानी फसल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी, खाद्य मूल्य स्थिरता पर जोर

09 नवंबर 2024, नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्यों में दाल और बागवानी फसल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी, खाद्य मूल्य स्थिरता पर जोर – गुवाहाटी में आयोजित एक दिवसीय राउंड टेबल कांफ्रेंस में भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने पूर्वोत्तर राज्यों में दालों और बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है, और 2027 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ये राज्य सहायक साबित हो सकते हैं।

इस कार्यक्रम में खाद्य मूल्य प्रबंधन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिसमें श्रीमती खरे ने बताया कि दालों के उत्पादन में वृद्धि से न केवल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्याज वितरण से कीमतों में गिरावट की उम्मीद

श्रीमती खरे ने बताया कि 5 नवंबर को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर 840 मीट्रिक टन प्याज की खेप पहुंचाई गई है, जिसे असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में वितरित किया जा रहा है। इस वितरण से पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की उपलब्धता में सुधार होगा और कीमतों में स्थिरता आएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नासिक से दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी तक प्याज का थोक परिवहन अपनाया गया है, जो प्याज के दामों को नियंत्रित करने में सहायक साबित हुआ है।

पहली बार समग्र कार्यशाला का आयोजन

यह पहली बार है कि उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी राज्यों के संबंधित विभागों, अनुसंधान संस्थानों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया है। इस कार्यशाला का उद्देश्य खाद्य मूल्य प्रबंधन और फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए एक समग्र रणनीति तैयार करना था।

कार्यशाला में एनसीसीएफ की एमडी, श्रीमती अनीस जोसेफ चंद्रा ने बताया कि किसानों को एमएसपी पर खरीद के लिए पंजीकरण कराने के अलावा दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। असम सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री बिस्वरंजन सामल ने राज्य में धान की एमएसपी खरीद का उल्लेख किया, जिससे असम ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की है।

आईसीएआर और कृषि विभाग ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

आईसीएआर के प्रतिनिधियों ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयुक्त दलहन की किस्मों और बीज केंद्रों के बारे में जानकारी दी, जो क्षेत्र में दाल उत्पादन को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने बीज मिनी किट वितरण की पहल का भी उल्लेख किया, जिसे राज्य प्रतिनिधियों ने सराहा।

कार्यशाला के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधियों ने साझा चुनौतियों और अपेक्षित समर्थन पर विचार-विमर्श किया। सभी राज्यों ने दाल और बागवानी फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति जताई, जिससे राज्य स्तरीय मूल्य स्थिरता को भी बल मिलेगा।

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