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राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

लाल किले से पीएम मोदी का ऐलान: ‘पीएम धन्य धान्य कृषि योजना’ से 100 पिछड़े जिलों को मिलेगा विकास

16 अगस्त 2025, नई दिल्ली: लाल किले से पीएम मोदी का ऐलान: ‘पीएम धन्य धान्य कृषि योजना’ से 100 पिछड़े जिलों को मिलेगा विकास – देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों को लेकर सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं पर विशेष जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के किसानों की मेहनत रंग ला रही है। आज देश उत्तम बीज, खाद और सिंचाई की सुविधाओं से आगे बढ़ रहा है। हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मछली और सब्जी उत्पादक देश हैं। हमारे कृषि उत्पाद अब वैश्विक बाजार में भी अपनी मजबूत पहचान बना चुके हैं।” उन्होंने कहा कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों के खिलाफ कोई भी नीति आई, तो मोदी दीवार बनकर खड़ा रहेगा।

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100 पिछड़े कृषि जिलों के लिए ‘पीएम धन्य धान्य कृषि योजना’ का ज़िक्र

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने ‘पीएम धन्य धान्य कृषि योजना’ का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों पर विशेष ध्यान दे रही है। यह योजना पहले ही कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त कर चुकी है। अब इसका मकसद है कि इन जिलों के किसानों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, समय पर उर्वरक और सिंचाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए।

मोदी ने कहा कि अगर इन जिलों को थोड़ी मदद दी जाए, तो वे भी देश के बाकी हिस्सों के बराबर उत्पादन कर सकते हैं और किसानों की आमदनी में बड़ा सुधार आ सकता है।

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भारत बन रहा है कृषि उत्पादन में वैश्विक शक्ति

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया में दूध, दाल और जूट के उत्पादन में पहले स्थान पर है। चावल, गेहूं, फल और सब्जी के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और मछली उत्पादन में भी भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। यह सब देश के मेहनती किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की बदौलत संभव हुआ है।

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सरकार की योजनाओं से किसानों को मिल रहा भरोसा

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, सिंचाई परियोजनाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण, और समय पर उर्वरक आपूर्ति जैसी योजनाओं ने किसानों को आत्मविश्वास दिया है।

अब किसान जोखिम लेने को तैयार हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। मोदी ने कहा, “आज देश का किसान पहले से ज्यादा सक्षम और आत्मनिर्भर होता जा रहा है।”

सिंधु जल संधि पर भी रखी कड़ी बात

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि को लेकर भी सख्त रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि यह संधि अपने वर्तमान स्वरूप में भारत के किसानों के साथ अन्याय करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब ऐसी एकतरफा जल व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेगा। भारत अपने खेतों और किसानों के लिए पानी का हक लेकर रहेगा।

किसानों की सुरक्षा के लिए ‘मोदी की दीवार’

अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए भावनात्मक और स्पष्ट संदेश देते हुए कहा:
“किसानों, पशुपालकों और मछुआरों से जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा रहेगा। भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।”

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