अब नहीं सड़ेगा कश्मीर के किसानों का सेब! रेलवे ने शुरू की खास पार्सल ट्रेन, 23 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा सेब
13 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: अब नहीं सड़ेगा कश्मीर के किसानों का सेब! रेलवे ने शुरू की खास पार्सल ट्रेन, 23 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा सेब – कश्मीर घाटी के फल किसानों को अब सेब के खराब होने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। भारतीय रेलवे ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सेबों के लिए विशेष पार्सल ट्रेन सेवा शुरू की है। इस सेवा के तहत कश्मीर के बडगाम स्टेशन से सेब लेकर ट्रेन दिल्ली के आदर्श नगर स्टेशन तक सिर्फ 23 घंटे में पहुंच जाएगी। इससे पहले अक्सर समय पर परिवहन की सुविधा नहीं होने के कारण किसानों को सेब के सड़ने और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता था।
भारतीय रेलवे ने फिलहाल दो पार्सल वैन (LVP H कोच) उपलब्ध कराए हैं, जिनमें सेबों की लोडिंग शुरू हो गई है। हर वैन में लगभग 23 मीट्रिक टन सेब लादा जा सकता है। यदि मांग बढ़ती है तो रेलवे और भी वैन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। किसानों और व्यापारियों की सहूलियत के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी लगातार राज्य के बागवानी विभाग, किसान संघों और व्यापारियों से संपर्क में हैं।
आज से शुरू होगी दैनिक पार्सल सेवा
भारतीय रेलवे 13 सितंबर से बडगाम और आदर्श नगर (दिल्ली) के बीच एक दैनिक समय-सारणी वाली पार्सल ट्रेन शुरू कर रहा है। इस ट्रेन में किसान और व्यापारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी पार्सल वैन बुक कर सकते हैं। इससे छोटे और मध्यम स्तर के फल उत्पादकों को भी बाजार तक पहुंचने का सीधा और सस्ता रास्ता मिलेगा।
इस पार्सल ट्रेन में कुल 8 वैन (VP कोच) होंगी। ट्रेन सुबह 6:15 बजे बडगाम से चलेगी और अगले दिन सुबह 5:00 बजे आदर्श नगर पहुंचेगी, जो दिल्ली की फल मंडियों में ताजा सेब पहुंचाने का एकदम उपयुक्त समय है।
मध्यवर्ती स्टेशनों पर भी मिलेंगी सुविधाएं
रेलवे ने यह भी घोषणा की है कि यदि जरूरत पड़ी तो ट्रेन को रास्ते में पड़ने वाले अन्य स्टेशनों पर भी पार्सल वैन जोड़ने की सुविधा दी जाएगी। इससे और अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। रेलवे ने पहले ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और भविष्य में मांग बढ़ने पर और ट्रेनें चलाने की तैयारी भी है।
कश्मीर को देश के माल नेटवर्क से जोड़ा गया
इसी तरह 9 अगस्त को एक और बड़ी उपलब्धि देखने को मिली, जब पंजाब से सीमेंट से लदी 21 वैगनों की पहली मालगाड़ी कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड पहुंची। यह कश्मीर को देश के राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने का एक अहम कदम था। इससे घाटी में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी और निर्माण सामग्री की लागत घटेगी, जिससे आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
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