राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों की भंडारण सुविधा को आसान बनाने के लिए अब ‘ई-किसान उपज निधि’

05 मार्च 2024, नई दिल्ली: किसानों की भंडारण सुविधा को आसान बनाने के लिए अब ‘ई-किसान उपज निधि’ – किसानों के लिए भण्डारण सुविधा सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा  ई-किसान उपज निधि’ (डिजिटल गेटवे) प्रारंभ कि गई है . ‘ई-किसान उपज निधि’ पहल के साथ प्रौद्योगिकी की सहायता से किसानों की भंडारण व्यवस्था सुगम हो जाएगी और किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

”ई-किसान उपज निधि” प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ करते हुए  केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि अपनी सरलीकृत डिजिटल प्रक्रिया के साथ यह पहल किसानों के लिए किसी भी पंजीकृत डब्ल्यूडीआरए गोदाम में 6 महीने की अवधि के लिए 7 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज पर भंडारण की प्रक्रिया को आसान बना सकती है। इस पोर्टल पर 1 लाख गोदामों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। श्री गोयल ने बताया  कि पिछले वर्ष 1500 गोदाम पंजीकृत किये गये थे।

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श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर घोषणा की कि इन गोदामों में किसानों को पहले अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना पड़ता था, अब केवल 1 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि के भुगतान करने की आवश्यकता होगी।

श्री गोयल ने कहा, “डिजिटल गेटवे पहल खेती को आकर्षक बनाने के हमारे प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने कहा कि बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे, अतिरिक्त सुरक्षा जमा नीति, ‘ई-किसान उपज निधि’ किसानों द्वारा संकट के समय में उनकी उपज बिक्री को रोक सकती है, जिन्हें फसल के बाद भंडारण की अच्छी रखरखाव सुविधाओं के न होने के कारण अक्सर अपनी पूरी फसल को सस्ती दरों पर बेचना पड़ता है। आपने  ने कहा कि डब्लूडीआरए के अंतर्गत गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है, इनकी स्थिति बहुत अच्छी है और ये बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं, जो कृषि उपज को अच्छी हालत में रखते हैं तथा खराब नहीं होने देते हैं।

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