राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की नई पहल: 10,000 PACS, डेयरी और मत्स्य समितियों का गठन

26 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की नई पहल: 10,000 PACS, डेयरी और मत्स्य समितियों का गठन – देश में सहकारिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। यह पहल सहकारी ढांचे को मजबूत करने और पंचायत स्तर तक सहकारिता की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल और श्री मुरलीधर मोहोल, साथ ही सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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श्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम की शुरुआत पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मजयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सहकारिता को संविधान के 97वें संशोधन के तहत नया स्वरूप मिला।

सहकारिता आंदोलन को गति देने की कोशिश

श्री शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए हर पंचायत में सहकारिता की उपस्थिति जरूरी है। इस कार्यक्रम के तहत 10,000 PACS और सहकारी समितियों का पंजीकरण मात्र 86 दिनों में पूरा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि यह पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता को मजबूत करेगी बल्कि रोजगार और ग्रामीण संसाधनों की उपलब्धता में भी मददगार साबित होगी।

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PACS को बहुउद्देशीय बनाने की दिशा में कदम

सहकारिता को अधिक प्रभावी बनाने के लिए PACS में 32 नई गतिविधियाँ जोड़ी गई हैं, जैसे – भंडारण, खाद वितरण, गैस आपूर्ति, और जल वितरण। साथ ही, PACS को कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा। श्री शाह ने बताया कि PACS को ग्रामीण स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे हर नागरिक किसी न किसी रूप में इन समितियों से लाभान्वित हो सके।

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किसानों के लिए नई सेवाएँ: RuPay Kisan Credit Card और माइक्रो एटीएम

कार्यक्रम के दौरान 10 सहकारी समितियों को RuPay Kisan Credit Card और माइक्रो एटीएम वितरित किए गए। श्री शाह ने कहा कि इससे किसानों को सस्ता और सुलभ ऋण मिलेगा। आने वाले दिनों में हर डेयरी सहकारी समिति को माइक्रो एटीएम से जोड़ा जाएगा।

लाख PACS बनाने का लक्ष्य

सरकार ने अगले पांच वर्षों में 2 लाख नई PACS स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। नाबार्ड, एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड), और एनएफडीबी (राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड) इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। पहले चरण में 22,750 और दूसरे चरण में 47,250 PACS बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मौजूदा समितियों को सुदृढ़ करने और उनकी गतिविधियों का विस्तार करने का कार्य भी किया जाएगा।

श्री शाह ने कहा कि PACS के बहुआयामी स्वरूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। ऑर्गेनिक उत्पाद, बीज और निर्यात से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में भी सहायक होगी।

कार्यक्रम में PACS के सदस्यों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल भी लॉन्च किया गया। यह मॉड्यूल जिला सहकारी रजिस्ट्रार की देखरेख में चलाए जाएंगे और PACS के कर्मचारियों को जरूरी कौशल प्रदान करेंगे।

इस कार्यक्रम को ग्रामीण सहकारिता को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा, जिससे सहकारी समितियाँ अपने उद्देश्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगी।

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