खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित
खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित
3880 रु. क्विंटल बिकेगी सोयाबीन, 53 से 755 रु. प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी
नई दिल्ली। कोविड-19 के बीच किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। सबसे अधिक 755 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी रामतिल में की गई है।
वहीं सबसे कम मात्र 53 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी धान फसल में की गई है। खरीफ में धान, सोयाबीन के बाद मक्का अधिक रकबे में बोई जाती है। इसी प्रकार धान, अरहर, उड़द, मूंग एवं कपास फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोत्तरी की गई है। सोयाबीन के समर्थन मूल्य 170 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाये गये हैं जिसके कारण सोयाबीन अब 3880 रुपये प्रति क्विंटल बिकेगी।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गत दिनों आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खरीफ 2020-21 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में 53 से 755 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी की है।
सरकार के मुताबिक सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जो पहले 1,815 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं अरहर का एमएसपी 5,800 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
मूंग का एमएसपी 7,050 रुपये से बढ़ाकर 7,196 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। उड़द का एमएसपी 5,700 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये किया गया है। वहीं म.प्र. की प्रमुख खरीफ फसल सोयाबीन का एमएसपी 3,710 रुपये से बढ़ाकर 3,880 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मक्के का एमएसपी 1,760 रुपये से बढ़कर 1,850 रुपये हो गया है, वहीं मध्यम कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये से बढ़कर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
लंबे कपास का एमएसपी 5,550 रुपये से 5,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गया हैै। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं संचार मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य लगातार बढ़ाया है और यह 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है। धान के एमएसपी में बढ़ोत्तरी सबसे कम है। इस वर्ष मात्र 53 रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत बढ़ाई गई है।
सरकार के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य बढऩे से किसानों को बाजरा 83 प्रतिशत, उड़द 64 प्रतिशत, अरहर 58 प्रतिशत एवं मक्का पर अधिक प्रतिफल मिलने का अनुमान है। शेष फसलों पर कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिफल मिलने का अनुमान लगाया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार की रणनीति में देश में कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप विविध उत्पादकता वाली पद्धतियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ जैव विविधता को खतरे में डाले बिना टिकाऊ कृषि के माध्यम से उच्च उत्पादकता के स्तर को प्राप्त करना शामिल है। इसके तहत एमएसपी के साथ-साथ खरीद के रूप में सहायता प्रदान करना है। इसके अलावा किसानों की आय सुरक्षा के लिए पर्याप्त नीतियों पर विशेष रूप से ध्यान देना भी शामिल है।
खरीफ 2020-21 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (इकाई : रु. प्रति क्विं. में)
फसल | 2016-17 | 2017-18 | 2018-19 | 2019-20 | वृद्धि | 2020-21 |
धान, सामान्य | 1470 | 1550 | 1750 | 1815 | 53 | 1868 |
ग्रेड ए | 1510 | 1590 | 1770 | 1835 | 53 | 1888 |
ज्वार हाइब्रिड | 1625 | 1700 | 2430 | 2550 | 70 | 2620 |
मालदंडी | 1650 | 1725 | 2450 | 2570 | 70 | 2640 |
बाजरा | 1330 | 1425 | 1950 | 2000 | 150 | 2150 |
रागी | 1725 | 1900 | 2897 | 3150 | 145 | 3295 |
मक्का | 1365 | 1425 | 1700 | 1760 | 90 | 1850 |
अरहर | 5050 | 5450 | 5675 | 5800 | 200 | 6000 |
मूंग | 5225 | 5575 | 6975 | 7050 | 146 | 7196 |
उड़द | 5000 | 5400 | 5600 | 5700 | 300 | 6000 |
मूंगफली | 4220 | 4450 | 4890 | 5090 | 185 | 5275 |
सूरजमुखी | 3950 | 4100 | 5388 | 5650 | 235 | 5885 |
सोयाबीन | 2775 | 3050 | 3399 | 3710 | 170 | 3880 |
तिल | 5000 | 5300 | 6249 | 6485 | 370 | 6855 |
रामतिल | 3825 | 4050 | 5877 | 5940 | 755 | 6695 |
कपास मीडियम | 3860 | 4020 | 5150 | 5255 | 260 | 5515 |
लांग स्टेपल | 4160 | 4320 | 5450 | 5550 | 275 | 5825 |