भारत बन सकता है वैश्विक सब्जी बीज हब, नीति सुधार और नवाचार से 2030 तक बीज बाजार $970 मिलियन तक पहुंचने की संभावना
26 जुलाई 2025, नई दिल्ली: भारत बन सकता है वैश्विक सब्जी बीज हब, नीति सुधार और नवाचार से 2030 तक बीज बाजार $970 मिलियन तक पहुंचने की संभावना – वैश्विक सब्जी बीज बाजार 2024 में $8.45 बिलियन का आंकड़ा पार कर चुका है और विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सही नीतियां लागू की जाएं, तो भारत 2030 तक $970 मिलियन के बाजार मूल्य के साथ इसका अगला वैश्विक केंद्र बन सकता है। फिलहाल भारत का सब्जी बीज बाजार 2023-24 में $740 मिलियन था और 4.6% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से इसका विस्तार हो रहा है।
राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘भारत को वैश्विक बीज हब बनाने में सब्जी बीज क्षेत्र की भूमिका’ में सरकारी अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों, बीज उद्योग प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं ने भारत को वैश्विक बीज निर्यातक बनाने के लिए जरूरी रणनीतियों पर चर्चा की।
कृषि आयुक्त डॉ. पी.के. सिंह ने कहा, “भारत की सब्जी उत्पादन में वृद्धि हमारी समृद्ध जर्मप्लाज्म, विविध जलवायु स्थितियों, अनुसंधान नवाचारों और सार्वजनिक-निजी निवेश का परिणाम है। बीज क्षेत्र के अनुसंधान, हाईब्रिड बीजों को अपनाने और विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण ने बागवानी को मुख्यधारा में लाया है, लेकिन वैश्विक क्षमता अब भी पूरी तरह नहीं खुल पाई है।”
संयुक्त सचिव (बीज), कृषि मंत्रालय, श्री अजीत कुमार साहू, आईएएस ने कहा, “भारत के पास विविध कृषि-जलवायु क्षेत्रों, प्रतिस्पर्धी उत्पादन प्रणाली, सक्रिय निजी क्षेत्र और मजबूत सार्वजनिक अनुसंधान संस्थानों के रूप में वैश्विक बीज उत्पादन केंद्र बनने की सारी संभावनाएं हैं।” उन्होंने बताया कि मंत्रालय बीज लाइसेंसिंग को सरल बना रहा है, SATHI प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल ट्रैसेबिलिटी लागू कर रहा है और आधुनिक बीज प्रसंस्करण, भंडारण व परीक्षण प्रयोगशालाओं में निवेश कर रहा है।
एफएसआईआई के उपाध्यक्ष और बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के नीति प्रमुख श्री राजवीर राठी ने कहा, “बीज व्यापार में सुगमता के लिए ‘वन नेशन, वन लाइसेंस’ मॉडल और निर्यात के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस व्यवस्था लागू होनी चाहिए। साथ ही डिजिटल अनुमोदन और लाइसेंस की अवधि बढ़ाना जरूरी है।”
भारत वर्तमान में हर साल लगभग $120 मिलियन के सब्जी बीजों का निर्यात करता है, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व को। विशेषज्ञों के अनुसार यदि लंबित 100 से अधिक पीस्ट रिस्क एनालिसिस (PRA) को हल किया जाए तो यह निर्यात दोगुना या तिगुना हो सकता है।
सम्मेलन में यह भी रेखांकित किया गया कि बीज उद्योग में 300 से अधिक कंपनियां कार्यरत हैं, जो औपचारिक बाजार में 80-85% हिस्सेदारी रखती हैं और हर साल $200 मिलियन से अधिक R&D में निवेश करती हैं। यह क्षेत्र 1 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है, महिलाओं और छोटे किसानों को सशक्त बनाता है तथा पोषक सब्जियों के माध्यम से “हिडन हंगर” से भी लड़ रहा है।
सम्मेलन का सार यही रहा कि अगर भारत तेजी से सुधार करे, लगातार नवाचार करे और बीज गुणवत्ता में वैश्विक भरोसा कायम रखे, तो यह विश्व का सबसे विश्वसनीय और जिम्मेदार सब्जी बीज आपूर्तिकर्ता बन सकता है — और इसकी नींव पहले ही रखी जा चुकी है।
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