राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारतीय खाद्य निगम की दूसरी ई-नीलामी में 3.85 लाख टन गेहूं 901 करोड़ रुपये में बिका

18 फरवरी 2023, नई दिल्ली: भारतीय खाद्य निगम की दूसरी ई-नीलामी में 3.85 लाख टन गेहूं 901 करोड़ रुपये में बिका – भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा 15 फरवरी को दूसरी ई-नीलामी के दौरान 1060 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया और 3.85 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं बेचा गया। नीलामी के दौरान निगम ने 15.25 एलएमटी गेहूं के स्टॉक की पेशकश की।

दूसरी ई-नीलामी में 100 से 499 मीट्रिक टन की अधिकतम मांग थी, जिसके बाद 500-1000 मीट्रिक टन की मात्रा और उसके बाद 50-100 मीट्रिक टन की मात्रा थी, जो दर्शाता है कि छोटे और मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों ने नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लिया।एक बार में 3000 मीट्रिक टन की अधिकतम मात्रा के लिए केवल 5 बोलियां प्राप्त हुईं।

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नीलामी में भारतीय खाद्य निगम द्वारा 2338.01/क्विंटल भारित औसत दर प्राप्त की गई। दूसरी ई-नीलामी में एफसीआई द्वारा 901 करोड़ रुपये अर्जित किए गए।

देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए मंत्रियों के समूह द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार एफसीआई गेहूं की ई-नीलामी की पेशकश कर रहा है।ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक प्रत्येक बुधवार को पूरे देश में जारी रहेगी।

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भारत सरकार ने NCCF और NAFED को 3 LMT गेंहू आवंटित किया

भारत सरकार ने ई-नीलामी के बिना बिक्री के लिए केंद्रीय भंडार, राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) जैसे सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों/सहकारिताओं/संघों को भी 3 एलएमटी गेहूं आवंटित किया है।

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इस योजना के तहत उठाए जाने वाले गेहूं के लिए रियायती दर 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम हैं और जनता को जारी किए जाने वाले आटे की एमएसपी की दर 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं है, इसे भी भारत सरकार द्वारा 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से संशोधित किया गया है और ऐसे स्टॉक @MSP से आटे की बिक्री 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं हैं।

नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) को उपरोक्त योजना के तहत 08 राज्यों में 68000 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक उठाने की अनुमति दी गई है।

देश भर में आटे की कीमत कम करने के लिए इस योजना के तहत नैफेड को 1 एलएमटी गेहूं और केंद्रीय भंडार को 1.32 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया गया है और एफसीआई से स्टॉक उठाने के बाद इन सहकारी समितियों द्वारा आटे की बिक्री शुरू की गई है।

ओएमएसएसडी (डी) के तहत बाजार में बिक्री के लिए निर्धारित 30 एलएमटी में से 25 एलएमटी से अधिक गेहूं के स्टॉक को ओएमएसएस (डी) योजना के माध्यम से दो महीने की अवधि के भीतर कई चैनलों के माध्यम से ऑफलोड करने से गेहूं और आटे की मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को रोकने का प्रभाव पड़ेगा और खाद्य अर्थव्यवस्था में स्थिर मूल्य वृद्धि भी आम आदमी को योजना के उद्देश्य को बनाए रखने के लिए राहत देगी।

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