राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

ICAR स्थापना दिवस: कृषि मंत्री ने की रिकॉर्ड उत्पादन की सराहना, कहा – छोटे किसानों के लिए चाहिए छोटे उपकरण

17 जुलाई 2025, नई दिल्ली: ICAR स्थापना दिवस: कृषि मंत्री ने की रिकॉर्ड उत्पादन की सराहना, कहा – छोटे किसानों के लिए चाहिए छोटे उपकरण –  केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 97वें स्थापना दिवस के मौके पर देश के किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, पूसा में आयोजित किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने देशभर के वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। उन्होंने कई श्रेणियों में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान पुरस्कार वितरित किए जिनमें उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक, युवा वैज्ञानिक, नवाचार वैज्ञानिक शामिल रहे।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने विकसित कृषि प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और कृषि उत्पादों व तकनीकों की जानकारी ली। इस मौके पर 10 कृषि प्रकाशनों और कई समझौता ज्ञापनों का विमोचन भी किया गया।

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किसानों के हित में आईसीएआर की सराहना

श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा, “पूरे देश के 80 करोड़ लोगों की तरफ से, जिनको खाद्यान्न का लाभ मिल रहा है, मैं आईसीएआर को बधाई देता हूं। आईसीएआर ने खेती-किसानी को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।” उन्होंने वैज्ञानिकों को आधुनिक महर्षि बताते हुए कहा कि उनके असाधारण प्रयासों से किसान कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।

रिकॉर्ड उत्पादन का जिक्र

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अन्न भंडार भरे हुए हैं। गेहूं और चावल का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। आज कैबिनेट में चावल के भंडारण को लेकर चर्चा हुई क्योंकि उत्पादन इतना बढ़ गया है कि अतिरिक्त जगह का इंतजाम करना पड़ रहा है।”

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कृषि क्षेत्र में आई नई क्रांति

श्री शिवराज सिंह ने बताया कि 1966-1979 के बीच खाद्यान्न उत्पादन सालाना 2.7 मिलियन टन बढ़ा था, जो 2013-2025 के बीच 8.1 मिलियन टन प्रति वर्ष हो गया है। पिछले 11 सालों में ढाई से तीन गुना उत्पादन बढ़ा है। बागवानी, दूध और दलहन-तिलहन उत्पादन में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।

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उन्होंने कहा, “दूध उत्पादन में 2000 से 2014 के बीच 4.2 मिलियन टन की वृद्धि थी, लेकिन 2014-2025 के बीच यह 10.2 मिलियन टन हो गई है।”

वैज्ञानिकों को नई दिशा में काम करने का संदेश

मंत्री ने कहा, “हमारी सबसे बड़ी चुनौती छोटी जोत और जलवायु परिवर्तन है। इसलिए हमें छोटे किसानों के लिए काम करना है। बड़ी मशीनें उनकी खेती में काम नहीं आतीं। इसलिए आईसीएआर को छोटी मशीनों के विकास पर फोकस करना होगा।”

प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर

श्री शिवराज सिंह ने वैज्ञानिकों से कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन की दिशा में काम करें। उन्होंने दलहन और तिलहन के प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने और गन्ना, मक्का, कपास जैसी फसलों पर विशेष शोध करने की आवश्यकता बताई।

किसानों की शिकायतों पर सख्त रुख

मंत्री ने कहा, “अगर किसान भाइयों के साथ कोई धोखा करता है तो सख्त कार्रवाई होगी। टोल फ्री नंबर के जरिए किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अमानक बीज या खाद बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बायोस्टिमुलेंट पर भी निगरानी रखी जा रही है।”

सस्ती दवाओं की तरह सस्ते उर्वरक केंद्र खोलने का सुझाव

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जैसे जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, वैसे ही सस्ते और गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों के लिए भी केंद्र बनाए जाने पर विचार किया जा सकता है।

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वैज्ञानिकों से एक लक्ष्य पर काम करने का आह्वान

अंत में केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, “आप सिर्फ आजीविका के लिए नौकरी नहीं कर रहे, यह समाज सेवा है। एक लक्ष्य के साथ काम करें और किसान कल्याण के लिए पूरी ताकत लगाएं। आईसीएआर की पूरी टीम को बधाई। देश की कृषि को नई ऊंचाई देने के लिए संकल्प लें।”

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