राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खेती होगी स्मार्ट और टिकाऊ! TAFE-ICRISAT मिलकर बनाएंगे नया कृषि रिसर्च सेंटर, किसानों को मिलेगा फायदा

17 जुलाई 2025, नई दिल्ली: खेती होगी स्मार्ट और टिकाऊ! TAFE-ICRISAT मिलकर बनाएंगे नया कृषि रिसर्च सेंटर, किसानों को मिलेगा फायदा – देश में किसानों की खेती को और ज्यादा स्मार्ट, टिकाऊ और मुनाफेदार बनाने के लिए एक बड़ी पहल हुई है। ट्रैक्टर और कृषि उपकरण बनाने वाली प्रमुख कंपनी TAFE (Tractors and Farm Equipment Limited) और अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान ICRISAT (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics) ने एक महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत हैदराबाद के पटानचेरू स्थित ICRISAT परिसर में ‘जे-फार्म एडॉप्टिव एग्रीकल्चर रिसर्च एंड एक्सटेंशन सेंटर’ की स्थापना की जाएगी।

यह रिसर्च सेंटर किसानों को टिकाऊ और स्मार्ट खेती के नए तरीके सिखाएगा। यहां ICRISAT की उन्नत फसल तकनीक जैसे कि मशीन से कटाई योग्य चना किस्मों को TAFE की कृषि मशीनों के साथ मिलाकर परखा जाएगा। इससे अलग-अलग फसलों और पर्यावरणीय हालात में वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

किसानों को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर

TAFE का JFarm प्रोजेक्ट 1964 से किसानों को अनुसंधान-आधारित समाधान और प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है। इससे पहले भी कंपनी राजस्थान के भवानीमंडी (2016), तेलंगाना के पीजेटीएसएयू (2019) और महाराष्ट्र के वीएनएमकेवी (2023) में ऐसे केंद्र खोल चुकी है। अब ICRISAT के साथ यह नई पहल की गई है जो दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए उत्कृष्टता केंद्र के अंतर्गत संचालित होगी।

प्रमुख सुविधाएं और लाभ:

1. किसानों को टिकाऊ खेती, मिट्टी संरक्षण और जल प्रबंधन पर प्रशिक्षण मिलेगा।
2. फसल अवशेष प्रबंधन और छोटे किसानों के लिए उपयुक्त मशीनरी का प्रदर्शन होगा।
3. किसानों के लिए कृषि सेवा मॉडल और एग्री-उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा।
4. ट्रैक्टर और उपकरण संचालन, मरम्मत और रख-रखाव का भी प्रशिक्षण मिलेगा।
5. JFarm सर्विसेज के तहत किसान-से-किसान डिजिटल कस्टम हायरिंग मॉडल का भी प्रदर्शन होगा जिससे किसानों को बिना मशीन खरीदे किराये पर मशीनरी मिल सकेगी।

उद्योग से लेकर स्टार्टअप तक सभी जुड़ेंगे कई लोग

यह रिसर्च सेंटर सिर्फ रिसर्च तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि किसानों, स्टार्टअप, कृषि कंपनियों और रिसर्च संस्थानों को आपस में जोड़ने का भी काम करेगा। इससे नई तकनीक सीधे गांव और खेत तक पहुंच पाएगी। इस दौरान, TAFE के समूह अध्यक्ष डॉ. टी आर केसवन ने कहा, “हमारा लक्ष्य खेती में स्मार्ट टेक्नोलॉजी लाना है जिससे जमीन और पानी जैसे संसाधनों की रक्षा हो सके। ICRISAT के साथ मिलकर हम आखिरी गांव और आखिरी किसान तक ये सुविधा पहुंचाएंगे।”

वहीं, ICRISAT के डायरेक्टर जनरल डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा, “खेती में मशीनीकरण बेहद जरूरी है। हमारा मकसद सिर्फ मशीनीकरण को बढ़ावा देना नहीं बल्कि रसायनों का कम उपयोग, श्रमिकों पर निर्भरता घटाना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है। हम इस मॉडल को अफ्रीका जैसे देशों तक पहुंचाना चाहते हैं।”

TAFE और ICRISAT का संक्षिप्त परिचय

TAFE भारत की दूसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है जो सालाना 1.80 लाख से अधिक ट्रैक्टर बेचती है और 80 से ज्यादा देशों में निर्यात करती है। ICRISAT सूखा प्रभावित इलाकों में 2.1 अरब लोगों के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा पर काम करता है और एशिया व अफ्रीका में किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयासरत है।दोनों की यह साझेदारी खेती के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगी, जिससे किसान ज्यादा आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेंगे।

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