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राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों की बल्ले-बल्ले: सरकार ने बढ़ाया रबी फसलों का MSP; अब मसूर ₹7000, गेहूं ₹2585, सरसों ₹6200/क्विंटल हुआ

01 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: किसानों की बल्ले-बल्ले: सरकार ने बढ़ाया रबी फसलों का MSP; अब मसूर ₹7000, गेहूं ₹2585, सरसों ₹6200/क्विंटल हुआ – किसानों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2026-27 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस बार मसूर का MSP ₹7000, गेहूं का ₹2585 और सरसों का ₹6200 प्रति क्विंटल तय किया गया है। सरकार का दावा है कि यह बढ़ोतरी किसानों को उनकी लागत पर 50% से लेकर 109% तक का लाभ दिलाएगी और फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

कुसुम और मसूर के किसानों को सबसे बड़ा फायदा

सरकार ने विपणन वर्ष 2026-27 के लिए रबी फसलों के MSP में वृद्धि की है ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। इस बार सर्वाधिक वृद्धि सनफ्लावर (कुसुम) के MSP में 600 रुपये प्रति क्विंटल की गई है, इसके बाद मसूर में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। सरसों व रेपसीड में 250 रुपये, चना में 225 रुपये, जौ में 170 रुपये, और गेहूं में 160 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।

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विपणन वर्ष 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP):

फसलMSP 2026-27 (रु./क्विंटल)उत्पादन लागत (रु./क्विंटल)लागत पर लाभ (%)MSP 2025-26 (रु./क्विंटल)MSP में वृद्धि (रु.)
गेहूं25851239109%2425160
जौ2150136158%1980170
चना5875369959%5650225
मसूर7000370589%6700300
सरसों/रेपसीड6200321093%5950250
कुसुम (सनफ्लावर)6540436050%5940600

नोट: उत्पादन लागत में मजदूरी, मशीनों का किराया, पट्टे की जमीन का किराया, बीज, खाद, सिंचाई, डीजल, बिजली, उपकरणों की मरम्मत, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पारिवारिक श्रम की कीमत आदि शामिल हैं।

यह MSP वृद्धि, केंद्र सरकार के बजट 2018-19 में किए गए उस वादे के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि MSP को फसल की औसत लागत का कम से कम 1.5 गुना रखा जाएगा। इस बार घोषित MSP में लागत के मुकाबले सबसे ज्यादा लाभ गेहूं (109%) में है, इसके बाद सरसों (93%), मसूर (89%), चना (59%), जौ (58%), और कुसुम (50%) का स्थान है।

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इस बढ़े हुए MSP से किसानों को उनकी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य मिलेगा और यह फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित करेगा।

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