National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

तालचर फर्टिलाइजर्स के लिए सीआईएसएफ को सुरक्षा का जिम्मा

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1 जुलाई 2021, नई दिल्ली ।  तालचर फर्टिलाइजर्स के लिए सीआईएसएफ को सुरक्षा का जिम्मा – 
उड़ीसा के  अंगुल  जिले में स्थापित तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (टीएफएल) परिसर की सुरक्षा का सीआईएसएफ ने  मंगलवार  को  जिम्मासंभाला। टीएफएल परिसर में 120 सशस्त्र कर्मियों की एक आतंकवाद विरोधी इकाई को शामिल किया गया। 
केंद्रीय गृह मंत्रालय  ने हाल ही में अनुमानित 1 हजार  कर्मचारियों के साथ 520 एकड़ में फैली सुविधा
के लिए सीआईएसएफ कवर को मंजूरी दी थी।   सीआईएसएफ के इस इंडक्शन  कार्यक्रम में  चित्र में बाएँ से श्री बी.सुन्दरा सीनि. कमा. सीआईएसएफ नालको , टीएफएल के डायरेक्टर ऑपरेशंस श्री संजय अरोरा दीप प्रज्ज्वलित करते हुए,
श्री एस एन यादव प्रबंध संचालक, श्री ए.गोस्वामी डायरेक्टर फाइनेंस, श्री एम.यू.रशीद डीआईजी सीआईएसएफ
एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे     ।


टीएफएल चार सरकारी कंपनियों गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लि (गेल),कोल इंडिया लि(
सीआईएल),राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फ़र्टिलाइज़र लि( आरसीएफ) और फ़र्टिलाइज़र
कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लि(एफसीआईएल) का एक संयुक्त उपक्रम  है। इसकी स्थापना
दिसंबर, 2014 में तालचर उर्वरक इकाई को पुनर्जीवित करने के लिए की गई थी।
13,277 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना लागत पर 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति
वर्ष (एलएमटीपीए) की स्थापित क्षमता के साथ एक नया ग्रीनफील्ड कोयला
गैसीकरण-आधारित यूरिया संयंत्र स्थापित करके फ़र्टिलाइज़र कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया
(एफसीआई) के तत्कालीन तालचर संयंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए टीएफएल का गठन
किया गया है। इस सयंत्र के संचालन  के लिए टीएफएल द्वारा सिक्योर्ड  कुल ऋण
9,560 करोड़ रुपये है और शेष राशि उसके प्रमोटरों द्वारा इक्विटी के रूप में
प्रदान की जाएगी। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  की अध्यक्षता में सीसीईए
द्वारा अप्रैल 2021 में कोयला गैसीकरण मार्ग के माध्यम से टीएफएल द्वारा
उत्पादित यूरिया के लिए विशेष सब्सिडी नीति को मंजूरी दी  है।


तालचर परियोजना का कार्यान्वयन प्रत्यक्ष कोयला परियोजनाओं की तुलना में एक ऐसी
तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है जिसका भारत में पहली बार उपयोग किया जा रहा
है । यह  देश के विशाल कोयला भंडार का इस तरह से उपयोग करके देश की ऊर्जा
सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो  पर्यावरण के अधिक
अनुकूल होगा । टीएफएल परियोजना पूर्वी भारत और विशेष रूप से ओडिशा की
अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी जिससे भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से
अग्रसर होगा ।

 


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