‘भारत ब्रांड’ से सस्ते दाल, आटा और चावल: करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत
12 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: ‘भारत ब्रांड’ से सस्ते दाल, आटा और चावल: करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत – भारत में बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से ‘भारत ब्रांड’ के तहत दाल, आटा और चावल जैसी जरूरी खाद्य सामग्री को सस्ते दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह पहल जुलाई 2023 में शुरू हुई थी, जब चने के भंडार को चना दाल में परिवर्तित कर उपभोक्ताओं को 60 रुपये प्रति किलोग्राम की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर उपलब्ध कराया गया। इस पहल को अब मूंग और मसूर दाल के साथ-साथ गेहूं के आटे और चावल तक विस्तारित कर दिया गया है।
12.35 लाख टन भारत चना दाल की बिक्री, मूंग और मसूर दाल भी उपलब्ध
भारत चना दाल की सफलता के बाद, इस योजना को और आगे बढ़ाते हुए 3 लाख टन अतिरिक्त चने को चना दाल और चना साबुत में परिवर्तित किया गया है। यह अब 70 रुपये प्रति किलोग्राम (चना दाल) और 58 रुपये प्रति किलोग्राम (चना साबुत) पर उपलब्ध है।
- भारत मूंग दाल (धुली) और मूंग साबुत को क्रमशः 107 रुपये और 93 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है।
- भारत मसूर दाल 89 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध है।
- अब तक 12.35 लाख टन भारत चना दाल, 5,663.07 टन मूंग दाल और 118 टन मसूर दाल की बिक्री की जा चुकी है।
भारत आटा और चावल: किफायती दरों पर उपलब्ध
भारत आटा और भारत चावल को क्रमशः 6 नवंबर 2023 और 6 फरवरी 2024 को लॉन्च किया गया था। पहले चरण में भारत आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और भारत चावल 29 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध थे। इस दौरान 15.20 लाख मीट्रिक टन भारत आटा और 14.58 लाख मीट्रिक टन भारत चावल बेचा गया। दूसरे चरण में इन उत्पादों की कीमत में मामूली वृद्धि की गई है, और अब भारत आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम और भारत चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध हैं। वर्तमान चरण में 2,952.25 मीट्रिक टन आटा और 3,413.35 मीट्रिक टन चावल बेचा जा चुका है।
भारत ब्रांड के तहत खाद्य उत्पादों का वितरण नेफेड (NAFED), केंद्रीय भंडार (Kendriya Bhandar), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी महासंघ (NCCF), ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और बड़े खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से किया जा रहा है। मोबाइल वैन के जरिए भी यह सामग्री ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जा रही है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: