राजस्थान की पंचायतों को केंद्र से अनुदान, जल प्रबंधन और स्वच्छता पर होगा विशेष ध्यान
14 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: राजस्थान की पंचायतों को केंद्र से अनुदान, जल प्रबंधन और स्वच्छता पर होगा विशेष ध्यान – केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्थान की ग्रामीण पंचायतों को XV वित्त आयोग (XV-FC) की पहली किस्त जारी कर दी है। राज्य के 22 जिला पंचायतों, 287 ब्लॉक पंचायतों और 9,068 ग्राम पंचायतों के लिए ₹507.1177 करोड़ की अनटाइड ग्रांट और ₹760.6769 करोड़ की टाइड ग्रांट प्रदान की गई है।
अनटाइड और टाइड ग्रांट्स से ग्रामीण स्वशासन को मिलेगा नया आयाम
अनटाइड ग्रांट्स का उपयोग पंचायतें स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कर सकती हैं, जो संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के 29 विषयों में आती हैं। इनमें कृषि, ग्रामीण आवास, शिक्षा और स्वच्छता जैसी सेवाएं शामिल हैं, लेकिन इनका उपयोग वेतन या स्थापना लागत के लिए नहीं किया जा सकता। वहीं, टाइड ग्रांट्स का फोकस मुख्य सेवाओं जैसे स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति बनाए रखने और जल प्रबंधन पर होगा, जिसमें वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण और घरेलू कचरे का उपचार शामिल है।
ग्राम स्वराज और समावेशी विकास की दिशा में सशक्त हो रही पंचायतें
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243G के तहत ये फंड पंचायतों को आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए सशक्त बनाते हैं। टाइड ग्रांट्स से ग्राम पंचायतों को स्थानीय स्वशासन को महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ के दृष्टिकोण के अनुरूप पुनः परिभाषित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिल रहा है। यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत के साथ मेल खाती है, जो ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
यह फंड स्थानीय शासन को मजबूत करने के साथ-साथ समावेशी विकास और सतत ग्रामीण विकास में योगदान देते हैं, जिससे भारत की भागीदारी आधारित लोकतंत्र और गांव स्तर पर प्रगति की प्रतिबद्धता और मजबूत होती है।
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