बजट 2025: अब KCC पर 5 लाख तक का लोन, मखाना बोर्ड और बीज मिशन समेत ये बड़े ऐलान
01 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: बजट 2025: अब KCC पर 5 लाख तक का लोन, मखाना बोर्ड और बीज मिशन समेत ये बड़े ऐलान – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने, बिहार में मखाना बोर्ड गठित करने और राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन शुरू करने जैसे कदम शामिल हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की सीमा बढ़ी
कृषि, मत्स्य और डेयरी क्षेत्र में काम कर रहे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत अब 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा। इससे पहले यह सीमा 3 लाख रुपये थी। सरकार के अनुसार, इस कदम से करीब 7.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
सरकार ने बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की है। इस बोर्ड का उद्देश्य मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग और विपणन को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, मखाना किसानों को किसान उत्पादक संगठन (FPO) से जोड़कर उन्हें प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन शुरू होगा
100 से अधिक नई बीज किस्मों के व्यावसायिक उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय उच्च उपज बीज मिशन शुरू किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस मिशन से उन्नत, कीटरोधी और जलवायु-अनुकूल बीजों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की पैदावार में सुधार हो सकता है। इस मिशन के तहत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और नई किस्मों को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया जाएगा।
फसल विविधता और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरा जीन बैंक स्थापित करेगी। इसका उद्देश्य कृषि अनुसंधान और फसल सुधार को बढ़ावा देना है, जिससे भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच साल का मिशन
सरकार ने पांच वर्षीय कपास उत्पादकता मिशन शुरू करने का ऐलान किया है। इस मिशन के तहत लंबे रेशे वाली कपास की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और किसानों को वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता दी जाएगी। यह मिशन सरकार के 5F विज़न (Farm to Fiber to Factory to Fashion to Foreign) के तहत काम करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ भारतीय कपड़ा उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला नया यूरिया प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। सरकार के मुताबिक, यह कदम देश की उर्वरक आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में पूर्वी भारत में तीन बंद यूरिया संयंत्रों को पुनः चालू किया है, जिससे देश में उर्वरक आपूर्ति को स्थिर बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एक नया ढांचा विकसित करेगी। इसके तहत विशेष आर्थिक क्षेत्र और खुले समुद्र में मत्स्य संसाधनों के सतत उपयोग पर जोर दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि वर्तमान में भारत का समुद्री खाद्य निर्यात ₹60,000 करोड़ के स्तर पर है, और इस नई योजना के तहत इसे और बढ़ाने की योजना है।
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