‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम: पशुपालकों और विभाग के बीच नया संपर्क सूत्र
01 अगस्त 2024, गंगटोक: ‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम: पशुपालकों और विभाग के बीच नया संपर्क सूत्र – पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के मंत्री श्री पूरन कुमार गुरुंग ने कल चिंतन भवन, गंगटोक में ‘ए-हेल्प’ (पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य एवं विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग की सलाहकार श्रीमती कला राय भी उपस्थित थीं।
अपने संबोधन में श्री गुरुंग ने कहा कि ए-हेल्प कार्यक्रम पशुपालकों और विभाग के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि यह पहल पशुधन स्वास्थ्य, विस्तार सेवाओं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पशुधन उत्पादन और ग्रामीण विकास में सुधार होने की संभावना है।
ए-हेल्प कार्यक्रम के उद्देश्य:
- पशुपालकों और विभाग के बीच संपर्क स्थापित करना।
- पशुधन स्वास्थ्य और विस्तार सेवाओं को बढ़ावा देना।
- महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना।
- रोग नियंत्रण, पशुओं की टैगिंग और पशुधन बीमा में सहयोग देना।
पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने अपने वीडियो संदेश में ए-हेल्प कार्यकर्ताओं को किसानों को पर्याप्त समर्थन देकर पशुधन क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मौजूदा अंतराल को भरने और किसानों के दरवाजे तक विस्तार गतिविधियों को पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया।
सिक्किम के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा सचिव डॉ. शर्मन राय ने बताया कि एजेंट जमीनी स्तर पर रोग नियंत्रण, पशुओं की टैगिंग और पशुधन बीमा में सहयोग देंगे।
ए-हेल्प भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की एक नई पहल है, जो पशुपालन गतिविधियों के लिए एन.आर.एल.एम. के एस.एच.जी. प्लेटफॉर्म की सेवाओं का लाभ प्रदान करती है। यह कार्यक्रम बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मिजोरम, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और असम सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।
ए-हेल्प की मुख्य विशेषताएं:
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) के एस.एच.जी. प्लेटफॉर्म का लाभ।
- 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफल कार्यान्वयन।
- प्रशिक्षित पशु सखियों को ए-हेल्प किट का वितरण।
कार्यक्रम के दौरान पशु सखियों को विशेष ए-हेल्प किट वितरित किए गए। इन पशु सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और ए-हेल्प के रूप में मान्यता दी जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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