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सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

7.75 करोड़ भारतीय किसानों को मिला सस्ती दर पर ऋण का लाभ: भारत सरकार की संशोधित ब्याज सहायता योजना

02 जून 2025, नई दिल्ली: 7.75 करोड़ भारतीय किसानों को मिला सस्ती दर पर ऋण का लाभ: भारत सरकार की संशोधित ब्याज सहायता योजना – भारत सरकार की संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) देश के किसानों के लिए एक आर्थिक सहारा बनकर उभरी है। अब तक इस योजना से 7.75 करोड़ (77.5 मिलियन) किसान लाभान्वित हो चुके हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। यह निर्णय कृषि क्षेत्र में सस्ती और समय पर ऋण उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

77.5 मिलियन किसानों को केसीसी के माध्यम से वित्तीय सहायता

सरकार इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ₹3 लाख तक का अल्पकालिक ऋण 7% की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। बैंक एवं अन्य ऋण संस्थानों को इस पर 1.5% ब्याज सहायता दी जाती है। यदि किसान समय पर ऋण चुका देते हैं, तो उन्हें 3% की अतिरिक्त प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) मिलती है, जिससे उनकी कुल प्रभावी ब्याज दर घटकर केवल 4% रह जाती है।

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यदि किसान पशुपालन या मत्स्य पालन के लिए ऋण लेते हैं, तो उन्हें यह ब्याज सहायता ₹2 लाख तक की राशि पर मिलती है।

पिछले दशक में क्रेडिट पहुंच में जबरदस्त वृद्धि

बीते वर्षों में सरकार द्वारा केसीसी को सरल और डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने के प्रयासों से KCC खातों की संख्या 7.75 करोड़ तक पहुंच गई है। इसके चलते अब अधिकतर छोटे और सीमांत किसान भी औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ चुके हैं।

साल 2014 में जहां KCC के माध्यम से ₹4.26 लाख करोड़ का कृषि ऋण वितरित हुआ था, वह बढ़कर दिसंबर 2024 तक ₹10.05 लाख करोड़हो गया। इसी अवधि में भारत का कुल कृषि ऋण प्रवाह ₹7.3 लाख करोड़ से बढ़कर ₹25.49 लाख करोड़ (FY 2023-24) हो चुका है। इसका मुख्य कारण MISS जैसी योजनाओं की निरंतरता और विस्तार है।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से बढ़ी पारदर्शिता और पहुंच

सरकार ने अगस्त 2023 में किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal) लॉन्च किया, जिससे ब्याज सहायता दावों के निपटारे की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और तेज़ हो गई है। अब किसान और बैंक, दोनों के लिए ऋण प्रक्रिया अधिक सुगम और विश्वसनीय बन गई है।

वैश्विक निवेशकों और कंपनियों के लिए भारत का कृषि ऋण मॉडल प्रेरणास्रोत

MISS योजना के माध्यम से भारत सरकार ने यह सिद्ध किया है कि नीतिगत समर्थन और तकनीकी एकीकरण के माध्यम से करोड़ों किसानों को संस्थागत क्रेडिट से जोड़ा जा सकता है। यह मॉडल उन देशों के लिए भी उपयोगी बन सकता है जो कृषि आधारित अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना चाहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय कृषि कंपनियों, फिनटेक स्टार्टअप्स, और विकास एजेंसियों के लिए यह योजना भारत के ग्रामीण बाजारों में सहयोग और निवेश के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद आधार प्रदान करती है।

वित्तीय समावेशन का मजबूत मॉडल

संशोधित ब्याज सहायता योजना केवल एक सरकारी सब्सिडी नहीं है, बल्कि यह किसानों को सशक्त बनाने की एक रणनीतिक नीति है। 7.75 करोड़ किसानों को कवर करने वाली इस योजना ने भारत में 60% से अधिक कृषि परिवारों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है।

जैसे-जैसे योजना 2025-26 में प्रवेश कर रही है, यह भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की मजबूतीखाद्य सुरक्षा और रोजगार सृजन में एक अहम भूमिका निभाती रहेगी।

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