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राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसान पहचान पत्र योजना से जुड़े 5 नए राज्य, अब तक 7.2 करोड़ किसानों को मिली डिजिटल पहचान

09 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: किसान पहचान पत्र योजना से जुड़े 5 नए राज्य, अब तक 7.2 करोड़ किसानों को मिली डिजिटल पहचान – भारत सरकार के डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन, किसान पहचान पत्र योजना अब और ज्यादा राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। इस योजना से अब हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे नए राज्य जुड़ने जा रहे हैं।

इस योजना के तहत, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर 61 मिलियन यानी 6 करोड़ से ज्यादा किसानों को डिजिटल आईडी प्रदान की है। इस लिस्ट में 14 राज्यों के किसानों के नाम शामिल हैं। सभी किसानों की डिजिटल आईडी को उनकी जमीन के रिकॉर्ड से जोड़ा गया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक 9 करोड़ और 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों को इस योजना के तहत जोड़ा जाए। योजना के तहत हर किसान को एक यूनिक डिजिटल आईडी दी जाती है, जिसमें किसानों की जमीन, फसल पैटर्न और पात्रता की पूरी जानकारी होती है।

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किस राज्यों में सबसे ज्यादा किसान जुड़े?

डिजिटल किसान पहचान के मामले में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश- यहां 1.47 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी जारी हो चुकी है। इसके बाद नंबर महाराष्ट्र (1.18 करोड़), मध्य प्रदेश (91 लाख), राजस्थान (78 लाख) और गुजरात (57 लाख) जैसे प्रमुख राज्य है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

एग्रीस्टैक और नए डिजिटल टूल्स से होगा फायदा

यह पूरी योजना सरकार की ‘एग्रीस्टैक’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसमें खेती से जुड़े डेटा, फसल सर्वे और किसानों की पहचान व वेरिफिकेशन के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। सरकार ने इसके लिए ₹6000 करोड़ का बजट तय किया है, जिसमें से ₹4000 करोड़ किसान रजिस्ट्रियों और लीगल हेयर सिस्टम के लिए, और ₹2000 करोड़ डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) के लिए आवंटित किया गया है।

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डिजिटल क्रॉप सर्वे 2025-26 के खरीफ सीजन में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। इसका इस्तेमाल पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY), पीएम किसान, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और मृदा हेल्थ कार्ड जैसी स्कीम्स में वेरिफिकेशन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए किया जा रहा है। इससे यह देखा जा रहा है कि किसानों ने जो फसल बताई है, क्या नहीं वास्तव में उसने खेत में बोई है या नहीं।

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किसान पहचान पत्र के फायदे क्या हैं?

इस डिजिटल पहचान से किसानों को एक ही जगह पर अपनी जमीन, फसल, और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सारी जानकारी मिल सकेगी। सरकार भी डेटा के आधार पर सही फैसले ले पाएगी और योजनाओं का फायदा सीधे असली किसानों तक पहुंचेगा। बिचौलियों की दखल घटेगी, और किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। 

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