किसानों को 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित, एफटीए से कृषि निर्यात को मिली नई दिशा – पीयूष गोयल
14 जुलाई 2025, नई दिल्ली: किसानों को 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित, एफटीए से कृषि निर्यात को मिली नई दिशा – पीयूष गोयल – केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार (10 जुलाई ) को नई दिल्ली में आयोजित 16वें एग्रीकल्चर लीडरशिप सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संतुलित उर्वरक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने अब तक किसानों को 25 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) वितरित किए हैं। इसके साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत किसानों को फसल ऋण सुलभ कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र को विकास की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा गया है। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के जरिए लाखों किसान परिवारों को आर्थिक सहायता मिली है। साथ ही, देशभर की 1,400 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़कर किसानों को फसल की कीमतों की वास्तविक समय पर जानकारी और बेहतर बाजार संपर्क मुहैया कराया गया है।
श्री गोयल ने कहा कि उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने भरपूर सब्सिडी दी है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी किसानों को समय पर उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की गई, ताकि उनकी फसल प्रभावित न हो।
कृषि निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि
उन्होंने बताया कि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और निर्यात में गिरावट के बावजूद, भारत का कृषि क्षेत्र मजबूत बना रहा है। भारतीय किसानों के योगदान से कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन का निर्यात अब 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। उन्होंने इसे ‘लोकल से ग्लोबल’ विज़न की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया।
मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) से खुले नए बाज़ार
श्री गोयल ने कहा कि भारत के किसान आज बासमती चावल, मसाले, ताजे फल-सब्जियां, बागवानी, पुष्प उत्पादन, मत्स्य पालन और पोल्ट्री जैसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। इसके पीछे सरकार द्वारा ऑस्ट्रेलिया, यूएई, ब्रिटेन और EFTA देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) का अहम योगदान है, जिससे नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिली है।
डिजिटल और टिकाऊ खेती की ओर बढ़ता भारत
भविष्य को लेकर मंत्री गोयल ने कहा कि बीज उत्पादन और गुणवत्ता सुधार, प्राकृतिक और जैविक खेती, तथा ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकों में और विकास किया जाएगा। साथ ही, AI तकनीक, भू-स्थानिक विश्लेषण, मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और ऊर्ध्वाधर खेती जैसी तकनीकों के ज़रिए सरकार डिजिटल खेती को बढ़ावा दे रही है। इसका लाभ एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) और सहकारी समितियों को सीधे मिलेगा।
खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण अवसंरचना पर विशेष ज़ोर
श्री गोयल ने कहा कि डिज़ाइन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और फूड प्रोसेसिंग जैसे उपायों से कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन होगा और इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। इसके साथ ही, सरकार वेयरहाउसिंग और भंडारण अवसंरचना को मजबूत करने के लिए अलग से फंड और योजनाएं चला रही है।
अंत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत के किसानों के सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। श्री गोयल ने भरोसा दिलाया कि विकसित भारत की यात्रा में कृषि एक मजबूत इंजन बना रहेगा और किसानों की मेहनत से देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।
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