कम्पनी समाचार (Industry News)

ज़ेबा – प्याज, लहसुन की उन्नति का मार्ग

  • हर्षल सोनवाने
    क्रॉप एस्टेब्लिशमेंट लीड
    यूपीएल लि.

18 अगस्त 2021, भोपाल । ज़ेबा – प्याज, लहसुन की उन्नति का मार्ग – देश एवं राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्याज एवं लहसून की रोपाई का मौसम जोर पकड़ रहा है। किसान रोपाई से पहले खेत की जुताई करना, रोपाई के लिए बेड तैयार करना एवं बेसल डोस में डालने के लिए खाद की खरीदारी के लिए मण्डियों में जाना इन कामों में व्यस्त है।

आज हम ऐसे तकनीक की बात करेंगे जो प्याज, लहसून एवं अन्य कंद फसलों में उपज बढ़ाने में कारगिर साबित हुई है। उस तकनीकी प्रोडक्ट का नाम है ज़ेबा।

Advertisement
Advertisement

ज़ेबा यूपीएल लिमिटेड इस कृषि जगत की नंबर 1 कंपनी का न्यूनतम तकनीक युक्त उत्पाद है। ज़ेबा स्टार्च आधारित पानी का महाअवशोषक दानेदार उत्पाद है। ज़ेबा अपने वजन से 450 गुना तक पानी सोखता है। यही ज़ेबा अगर मिट्टी में फसलों की जड़ो की कक्षा में खाद के साथ दिया जाए, तो पानी मिलने पर यह इसको सोखेगा, उसको पकड़ कर रखेगा और पौध के जरूरत के अनुसार उसको छोड़ेगा। यह सोखने-पकडऩे-छोडऩे की प्रक्रिया 5 से 6 महीने तक चलती है। आइए समझते हैं कि ज़ेबा कंद फसलों में उपज बढ़ाने में कैसे काम करता है।

पानी एवम खाद का पूरा इस्तेमाल – ज़ेबा जड़ क्षेत्र में देने के कारण बरसात एवं सिचाई द्वारा दिया गया पानी और बेसल डोस में दी गई खाद को जड़ क्षेत्र में पकड़ कर रखता है। जिससे रिसाव के कारण होने वाला नुकसान कम हो जाता है और फसल के जरूरत के अनुसार पानी एवं पोषण फसल को मिलता है।

Advertisement8
Advertisement

सदैव भुरभूरी मिट्टी – ज़ेबा मिट्टी को सदैव भुरभूरी बना के रखता है और मिट्टी में पर्याप्त नमी हमेशा बनी रहती है, जिस कारण फसल किसी भी तनाव को सहकर सक्रिय रहती है। भुरभूरी मिट्टी एवं हरदम पर्याप्त नमी कंद फसलों की गूणवत्तापूर्वक उपज के लिए जरूरी है।
इन दो कारणवश कंद फसलों को पर्याप्त पानी, पोषण एवं अनुकूल वातावरण मिल पाता है, जो अंतिम उपज में वृद्धि का कारण बनता है।

Advertisement8
Advertisement
 
ज़ेबा की प्रयोग विधि
  • ज़ेबा की मात्रा प्रति एकड़ 5 किलोग्राम है।
  • प्याज एवं लहसून और अन्य कंद फसलों में रोपाई से पहले आखरी जुताई में खाद के साथ मिश्रण में देना जरूरी है।
  • उसके बाद जरूरत के अनुसार बेड बनाकर प्याज एवं लहसून रोपाई करे।

 

ध्यान दे –
  • ज़ेबा का प्रयोग हमेशा खाद के साथ करें।
  • ज़ेबा जमीन के नीचे जड़ क्षेत्र में जाना जरूरी है। उसको सतह पर न फेकें।
  • ज़ेबा 6 माह तक काम करके जैव विघटित होके मिट्टी में समा जाता है।

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें-18001021199

Advertisements
Advertisement5
Advertisement