आईआईएल का ‘टोरी सुपर’ जादुई प्रचार अभियान: मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को किया मंत्रमुग्ध
24 जुलाई 2025, नई दिल्ली: आईआईएल का ‘टोरी सुपर’ जादुई प्रचार अभियान: मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को किया मंत्रमुग्ध – क्रॉप प्रोटेक्शन सेक्टर में हलचल मचाते हुए, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (IIL) ने ग्रामीण जुड़ाव के तरीके को एकदम नया मोड़ दिया है। यह अनोखा अभियान शिक्षा, मनोरंजन और जादू का अद्भुत मेल है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मक्का किसानों को लक्षित करते हुए, IIL ने अपने हाल ही में लॉन्च किए गए पेटेंटेड मक्का खरपतवारनाशक ‘टोरी सुपर’ के लाभों को दर्शाने के लिए जादू के लाइव शो शुरू किए हैं।
इस प्रचार अभियान के तहत, IIL इन दोनों राज्यों के प्रमुख मक्का उत्पादक क्षेत्रों में किसान सभाएं आयोजित कर रहा है। हर कार्यक्रम की शुरुआत एक जादूगर द्वारा आकर्षक जादू दिखाकर की जाती है, जिससे किसानों का ध्यान खींचा जाता है और फिर उन्हें बताया जाता है कि कैसे ‘टोरी सुपर’ मक्का की फसल में खरपतवारों को जादू की तरह खत्म करता है और फसल को स्वस्थ बनाता है।
जादूगर रस्सी जैसे साधारण और संबंधित चीजों के जरिए यह दर्शाते हैं कि कैसे खरपतवार उपज को कम करते हैं और बिना खरपतवार की खेती फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार लाती है। इन सत्रों में ‘टोरी सुपर’ के समय पर छिड़काव, सही मात्रा और खरपतवार नियंत्रण के ज़रिए लाभ बढ़ाने के तरीकों पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। किसानों से मिले सकारात्मक और उत्साहजनक फीडबैक से यह स्पष्ट है कि यह मॉडल काफी प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।
इस पहल पर बोलते हुए, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर मक्का किसान ‘टोरी सुपर’ से परिचित हो और इसे अधिकतम लाभ के लिए सही तरीके से उपयोग करना सीखे। इसलिए हमने इन जादूगरों के माध्यम से जानकारीपूर्ण और मनोरंजक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है जिससे जानकारी यादगार और रोचक बन सके।”
आईआईएल के चीफ मार्केटिंग मैनेजर श्री दुश्यंत सूद ने कहा, “मक्का की फसलों में खरपतवार आज भी उपज में बड़ी रुकावट हैं। ‘टोरी सुपर’ जैसे नवाचारपूर्ण समाधान से हम किसानों को ऐसे टूल्स देना चाहते हैं, जो लाभकारी भी हों और टिकाऊ कृषि को भी बढ़ावा दें।”
‘टोरी सुपर’ अपनी तेज़ और दीर्घकालिक प्रभावशीलता के लिए जाना जाता है। इसके छिड़काव के 24 से 48 घंटों में परिणाम दिखने लगते हैं और 6 से 8 दिनों में खेत खरपतवार-मुक्त हो जाते हैं। पारंपरिक उत्पादों के मुकाबले, यह 15 से 20 दिनों तक अवशिष्ट नियंत्रण देता है जिससे बार-बार छिड़काव की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसे मिलाना और छिड़काव करना भी आसान है, जिससे समय और श्रम की बचत होती है। इसके विशेष SPF तकनीक से युक्त फॉर्मूलेशन से फसल पूरे मौसम भर स्वस्थ रहती है।
आईआईएल के कॉर्न क्रॉप मैनेजर श्री मनोज सिंह भंडारी के अनुसार, “यह अभियान सिर्फ उत्पाद के प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों को जानकारीपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाता है और टिकाऊ खेती की दिशा में कदम बढ़ाता है। ज़मीनी स्तर से मिले सकारात्मक संकेत दिखाते हैं कि IIL का यह प्रयास बताता है कि कैसे एग्री-ब्रांड्स अब ग्रामीण भारत से नई और प्रभावशाली शैली में जुड़ाव बना रहे हैं।”
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