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छत्तीसगढ़: ट्रॉपिकल का टैग सिल गोल्ड

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28 दिसम्बर 2022, रायपुर । छत्तीसगढ़:  ट्रॉपिकल का टैग सिल गोल्ड –  ट्रॉपिकल कम्पनी का टैग सिल गोल्ड उत्पाद नये युग का नवीनतम तकनीक पर आधारित उत्पाद है। टैग सिल गोल्ड में आर्थो सिलिसिक एसिड के रूप में उपलब्ध है। आर्थो सिलिसिक एसिड, सिलिकॉन की ही एक प्रथम और पौधों को सरलता से ग्रहण या प्राप्त होने वाला प्रकार है। ऑर्थो सिलिसिक एसिड पौधों के विकास और हरा-भरा बनाने के साथ यह फसलों को फफूंदनाशक रोगों और फसलों में लगने वाले रस चूसक कीटों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। सिलिकॉन भी सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है। जो फसल को स्वस्थ और हरा-भरा करने के साथ फफूंदजनक रोगों और चूसक कीटों के साथ-साथ आने वाले अनेकों प्रकार के तनाव से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

टैग सिल गोल्ड पौधों की पत्तियों और तनों पर सिलिकॉन की परत बना देता है जिससे पौधों में लगने वाले रसचूसक कीट उस सिलिकॉन की परत को तोडऩे में असमर्थ हो जाते हैं और फसल चूसक कीटों से बच जाती है। इसके साथ ही टैग सिल गोल्ड पौधों की सभी सेल दीवार (सेल वॉल) को अधिक मोटा करने के साथ-साथ उनको अधिक मजबूत भी बनाता है, जिससे कोई भी फंगस इन सेल वॉल को भेदने में असमर्थ रहती है। इस प्रकार सिलिकॉन एक बहुआयामी पोषक तत्व है, जो आर्थो सिलिसक एसिड के रूप में ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम (इं.) प्रा.लि. कम्पनी के टैग सिल गोल्ड उत्पाद में उपलब्ध है। टैग सिल गोल्ड को सभी प्रकार की फसलों पर 5 कि.ग्रा. प्रति एकड़ स्प्रे कर सकते हैं।

प्रयोग विधि- धान की फसल में धान की रोपाई या बुआई के 20 से 25 दिन के अंतर्गत अर्थात् प्रथम खाद (यूरिया) के साथ मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। टैग सिल गोल्ड को सभी प्रकार के रासायनिक खादों एवं रेती अथवा मिट्टी में मिलाकर उपयोग कर सकते है।

सब्जियाँ- सब्जियों में प्रथम निराई-गुड़ाई के समय दिया जाने वाले किसी भी प्रकार के खाद, मिट्टी या रेती में मिलाकर प्रयोग कर सकते हंै।

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