चना फसल के लिए सर्वोत्तम महावीरा जिरोन पावर प्लस
09 नवंबर 2024, इंदौर: चना फसल के लिए सर्वोत्तम महावीरा जिरोन पावर प्लस – देश की प्रतिष्ठित कम्पनी आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि का महावीरा जिरोन पावर प्लस एक ऐसा उत्पाद है, जिसमें 6 पोषक तत्वों का मिश्रण है, जो चने की बेहतर पैदावार देता है। जिन किसानों ने चने की फसल में इसका इस्तेमाल किया है,वे इसके चमत्कारिक परिणाम देखकर हैरान हैं। आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स के हेड एग्रोनॉमिस्ट श्री प्रमोद कुमार पांडेय ने कृषक जगत को बताया कि कम्पनी का उत्पाद महावीरा जिरोन पावर प्लस सिंगल सुपर फास्फेट चने की फसल के लिए सर्वोत्तम उर्वरक है। यह 6 पोषक तत्वों कैल्शियम , फास्फोरस, सल्फर, बोरान ,मैग्नीशियम और ज़िंक का मिश्रण है, जिसमें 16 % फास्फोरस ,19 % कैल्शियम,11 % सल्फर, 0.5 % मैग्नीशियम और 0.5 % ज़िंक के अलावा 0.20 % बोरान होता है। महावीरा जिरोन पावर प्लस के प्रयोग से चना फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है।
असंतुलित उर्वरक के प्रयोग से घटा उत्पादन – उल्लेखनीय है कि मप्र में चने की फसल बड़े रकबे में ली जाती है। हालाँकि पिछले कुछ वर्षों से चने की खेती में अपेक्षित उत्पादन नहीं मिलने से चने का रकबा कम होता जा रहा है। अनुसंधान में पाया गया कि चने की फसल में असंतुलित उर्वरक का प्रयोग करने से चने का उत्पादन कम हो रहा है। आवश्यक पोषक तत्वों के अभाव में चना फसल कीट और रोगग्रस्त हो जाती है, जिसका असर उत्पादन पर पड़ता है। किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि ने महावीरा जिरोन पावर प्लस नामक नया उत्पाद पेश किया है ,जो चने की फसल के लिए सर्वोत्तम है।
6 पोषक तत्वों का कमाल – महावीरा जिरोन पावर प्लस में मौजूद 6 पोषक तत्वों का चना फसल में प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए श्री पांडेय ने बताया कि कैल्शियम द्वारा जड़ों के विकास , पौधों की अंग रचना ,कोशिका निर्माण में मदद से पौधों को मज़बूती मिलती है। जबकि फास्फोरस, चना फसल में जड़ों में वृद्धि के अलावा जीवाणुओं द्वारा वातावरण से ज़्यादा नाइटोजन स्थिर करने में सहायक होता है। जहाँ बोरोन ,चने में फूल और फल लगने की प्रक्रिया को बढ़ाता है, वहीं ज़िंक,पोटेशियम और कैल्शियम के अनुपात को नियंत्रित कर फूल और फल को गिरने से रोकता है। सल्फर, मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है और पौधों को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। मैग्नीशियम, पौधे को हराभरा और स्वस्थ रखने में मदद करता है। दरअसल, महावीरा जिरोन पावर प्लस पौधों के लिए मुख्य पोषक तत्वों का ऐसा खज़ाना है, जो चना फसल में हर तत्व की आपूर्ति करता है। इसके इस्तेमाल से दाना चमकदार और गुणवत्तायुक्त होता है। इससे उत्पादन तो बढ़ता ही है , बल्कि बाज़ार में इसका मूल्य भी अन्य चने की तुलना में अधिक मिलता है। यह चना फसल के लिए सर्वश्रेष्ठ उत्पाद है। इसे हम नहीं कहते,बल्कि विभिन्न कृषि अनुसंधान केंद्रों और कृषि विश्वविद्यालयों ने प्रमाणित किया है।
चने की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन (अनुशंसित उर्वरक की मात्रा KG 10 : 24 : 08 ) – बुवाई के समय महावीरा जिरोन पावर प्लस 150 किलो, एमओपी 15 किलो , यूरिया 10 किलो और सिमट्रॉन 4 किलो का इस्तेमाल करना चाहिए। फिर 25 -30 दिन के बाद 10 किलो यूरिया , एमिट्रॉन – जेड 250 मि /ली और बेलेको 200 मि /ली का प्रयोग करना चाहिए। 50 -55 दिन के बाद जिंटाविक 200 मि /ली का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जल घुलनशील उर्वरक 4.5 ग्राम / लीटर पानी में 25 -30 दिन की अवधि में 19 :19 :19 , 45 -50 दिन की अवधि में 12 :61 :00 का और 50 -55 दिन की अवधि में 00 :52 :34 का एक छिड़काव अवश्य करें। इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं।
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