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कम्पनी समाचार (Industry News)

क्रॉपलाइफ इंडिया की 45वीं एजीएम में अंकुर अग्रवाल दोबारा चेयरमैन बने

09 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: क्रॉपलाइफ इंडिया की 45वीं एजीएम में अंकुर अग्रवाल दोबारा चेयरमैन बने – क्रॉपलाइफ इंडिया, जो देशी और मल्टीनेशनल R&D-बेस्ड क्रॉप साइंस कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है, ने अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बदलाव की घोषणा की है।

45वीं एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) के दौरान क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकुर अग्रवाल को दोबारा चेयरमैन चुना गया। वहीं बायर क्रॉपसाइंस – इंडिया, बांग्लादेश और श्रीलंका के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मोहन बाबू लगातार दूसरे साल वाइस चेयरमैन बने रहेंगे। इसके अलावा रैलिस इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर (CEO) डॉ. ज्ञानेंद्र शुक्ला को सेकंड वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

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अंकुर अग्रवाल को कृषि रसायन उद्योग की गहरी समझ और विज्ञान-आधारित सतत कृषि के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है। उनके लीडरशिप में क्रॉपलाइफ इंडिया नवाचार-संचालित समाधान को बढ़ावा दे रही है, जिससे किसान जिम्मेदारी के साथ उत्पादकता बढ़ा सकें और क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) जैसी चुनौतियों से निपट सकें।

भारत के बदलते कृषि परिदृश्य पर बात करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा, “भारत आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कृषि रसायन उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। क्रॉपलाइफ इंडिया की मेंबर कंपनियाँ मिलकर इंडस्ट्री के 70% से ज़्यादा बिजनेस में योगदान देती हैं और 95% ग्लोबल मॉलेक्यूल्स और केमिस्ट्रीज़ को रिप्रेज़ेंट करती हैं। लगभग ₹40,000 करोड़ मूल्य के हमारे एक्सपोर्ट इस बात का प्रमाण हैं कि भारत ग्लोबल एग्री-वैल्यू चेन में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

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फिर भी, कीटों और बीमारियों के कारण देश में हर साल करीब ₹2 लाख करोड़ की फसलों का नुकसान होता है — जबकि भारत में प्रति हेक्टेयर कीटनाशक उपयोग मात्र 400 ग्राम है, जो ग्लोबल एवरेज 8,000 ग्राम की तुलना में बहुत कम है। यह दर्शाता है कि भारतीय किसान कितनी दक्षता और जिम्मेदारी से खेती करते हैं।

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अगर हम नवाचार और एकीकृत कीट प्रबंधन पर लगातार फोकस रखें, तो हम फसल हानि को घटा सकते हैं, किसानों की आय बढ़ा सकते हैं और भारत को $1 ट्रिलियन एग्रीकल्चरल इकॉनमी की ओर तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं। हमारा सामूहिक प्रयास सिर्फ प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के विज़न को साकार करने का है — जहाँ कृषि सतत विकास की नींव बने।”

क्रॉपलाइफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल दुर्गेश चंद्र ने कहा, “हम श्री अंकुर अग्रवाल और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मिलकर सेफ और इनोवेटिव क्रॉप प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य जारी रखेंगे। हमारा फोकस किसानों को रिस्पॉन्सिबल यूज़ के बारे में शिक्षित करने और उन्हें टिकाऊ तरीके से फसल की सुरक्षा करने में मदद करने पर रहेगा।”

क्रॉपलाइफ इंडिया और इसकी मेंबर कंपनियाँ किसानों, साइंटिस्ट्स और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर उभरती कृषि चुनौतियों का समाधान कर रही हैं। इन कंपनियों ने सामूहिक रूप से 2030 तक परिशुद्ध कृषि में €10 बिलियन और जैव-कीटनाशक विकास के लिए €4 बिलियन निवेश करने का वादा किया है — जो टिकाऊ और रेजिलिएंट फार्मिंग के प्रति उनकी  प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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