धान की अच्छी जातियां कौन- कौन सी हैं, कब लगायें कितनी अवधि की है तथा उत्पादन प्रति हेक्टेयर क्या होगा

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– अर्जुन पटेल, सिवनी
समाधान- वर्तमान में परम्परागत फसल धान के क्षेत्र में एक बार फिर से ना केवल अपना परम्परागत क्षेत्र वापस लिये बल्कि नये क्षेत्रों में विस्तार भी किया है। सोयाबीन फसल जहां भी बढ़ाई गई उसके कुछ क्षेत्रों में अब सफलता से धान उगाया जा रहा है। धान की लगाने की विधि के अनुसार उसकी बुआई निश्चित हो जाती है। रोपा पद्धति में मई-जून में ही रोपा डाल दिया जाता है बाकी सब विधियों की बुआई वर्षा आरम्भ होने पर की जाती है। जहां तक जातियों का सवाल है भूमि के प्रकार के अनुसार ही जाति का चयन किया जाना चाहिए। जैसे हल्की भूमि में जवाहर 75 तथा पूर्वी, उचहन भूमि में आभार, तृप्ती तथा कलिंगा 3, मध्यम से भारी भूमि में आशा, ऊषा तथा समृद्धि, मध्यम में अनुपमा, दीप्ति तथा आई.आर. 28 एवं 36, बंधान वाली भारी भूमि में क्रांति, आई.आर. 20 एवं 4, माधुरी, निचले बंधे खेतों में गरिमा, सुरेखा, जया तथा विजया।

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