समस्या- गेहूं की फसल पर कंडुआ रोग कुछ वर्षों से बहुत आता है। कृपया रोकथाम के उपाय बतायें।
– जागेश्वर राव, बैतूल
समाधान- गेहूं की फसल में कंडुआ एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। जिसकी कवक गेहूं के बीज के भीतर छिपकर बैठ जाती है और बुआई उपरांत पौधों के विकास के साथ विकसित होती रहती है। बल्कि अवस्था तक रोगग्रस्त पौधों की पहचान कठिन होती है जब गेहूं की बाली खिल जाती है तो दानों की जगह काली चूर्ण से भरी बालियाँ दिखती हंै मानो परसी थाली खींच ली हो। इस बीमारी में बचाव का अधिक महत्व है रोग आने के बाद कोई उपचार कार्यगत नहीं हो सकता है। अत: गेहूं बुआई के पूर्व आप निम्न उपाय करें।
- बंडों से निकले अनाज की छंटाई/ छनाई करके अच्छे दानों का चयन करें।
- 2 ग्राम विटावैक्स नामक दवा से प्रति किलो अनाज का उपचार करें ध्यान रहे ऐसे खेत का गेहूं जिसमें गत वर्ष कंडुआ रोग था को उपचारित करना अनिवार्य माना जाये। अन्यथा आप गेहूं की बुआई करेंगे और कंडुआ काटेंगे।
- बीज के आंतरिक भाग में छुपी कवक की फफूंद को मारने की ताकत विटावैक्स रखता है। यह बात अनुसंधानों में भी पाई गई है।
- आपका ठीक कहना है कि कंडुआ कुछ वर्षों से अधिक दिखता है क्योंकि जबसे पंजाब, हरियाणा, उ.प्र., राजस्थान का गेहूं बीज के नाम से यहां लाया जाने लगा कंडुआ बिना बुलाये मेहमान की तरह हमारे पास है।