स्व. श्री रामचंद्र कुशवाह की दूरदर्शिता
12 वर्ष पूर्व शुरू की थी चंदन की खेती
(राजीव कुशवाह, नागझिरी )
इन पेड़ों की देखभाल करने वाले स्व.रामचंद्र कुशवाह के पुत्र श्री चन्दन कुशवाह ने कृषक जगत को बताया कि 12 वीं तक शिक्षित पिताजी खेती में हमेशा नई तकनीक का इस्तेमाल कर नवाचार करते रहते थे। कपास,औषधीय एवं सुगंधित कृषि के अलावा उद्यानिकी के तहत प्याज़, मिर्च आदि के बीज भी तैयार करते थे। कृषि के मामले में वे दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लेते थे। कृषि ज्ञान के लिए उन्होंने देश के लगभग 25 राज्यों का भ्रमण कर कई प्रशिक्षणों में शामिल हुए थे ।12 वर्ष पूर्व कर्नाटक के अलमट्टी (बैंगलुरु) से सफेद चंदन के 400 पौधे लाकर 5 एकड़ में चंदन की खेती शुरू की थी और इन्हें अपने श्रम से पेड़ों में बदल दिया था। कालांतर में प्राकृतिक कारणों / पेड़ों की चोरी होने से पेड़ कम हो गए। फिलहाल चंदन के 200 पेड़ लहलहा रहे हैं।
श्री कुशवाह ने बताया कि स्व.पिताजी ने 16X16 फ़ीट की दूरी पर चंदन के इन पौधों को लगाया था। जो अब पेड़ बन चुके हैं, लेकिन अभी कटाई योग्य नहीं हुए हैं, इसलिए फिलहाल इनसे कोई आय नहीं हो रही है। 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर चंदन के ये पेड़ अच्छी आय का साधन बनेंगे, जिसका श्रेय स्व.पिताजी की दूरदर्शिता को जाएगा। श्री चंदन ने बताया कि स्व.रामचंद्र कुशवाह को वर्ष 2009 -10 में मप्र के कृषि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार से सम्मानित कर 50 हज़ार रु की नकद राशि प्रदान की गई थी।



