फसल की खेती (Crop Cultivation)

राजस्थान में मूंगफली की फसल को टिक्का रोग और सफेद लट से बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय – किसानों के लिए खास सलाह

02 अगस्त 2024, जयपुर: राजस्थान में मूंगफली की फसल को टिक्का रोग और सफेद लट से बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय – किसानों के लिए खास सलाह – राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने फसलों को रोगमुक्त करने के लिए किसानों से जुड़े विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। खरीफ फसल के मौसम में मूंगफली राज्य की मुख्य तिलहनी फसल है, जिसे टिक्का रोग (पत्ती धब्बा), पीलिया रोग, और सफेद लट कीट जैसे खतरों से बचाने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ खास सुझाव दिए हैं।

ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी फार्म के उप निदेशक कृषि (शस्य) श्री मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जयपुर, अजमेर, टोंक और दौसा जिलों के किसानों को मूंगफली की फसल को इन रोगों और कीटों से बचाने के लिए विभागीय सिफारिशों का पालन करना चाहिए। रसायनों का उपयोग करते समय सुरक्षा के लिए दस्ताने, मास्क और पूरे वस्त्र पहनना न भूलें।

टिक्का रोग से बचाव: कृषि अनुसंधान अधिकारी (पौध व्याधि) डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने टिक्का रोग से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम या मैन्कोजेब जैसे रसायनों के उपयोग की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि आधा ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति लीटर पानी या डेढ़ किलो मैन्कोजेब प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें और 10-15 दिन बाद इसे दोहराएं।

सफेद लट कीट से सुरक्षा: कृषि अनुसंधान अधिकारी (कीट) डॉ. दिनेश स्वामी ने सफेद लट से बचाने के लिए क्यूनालफॉस 25 ई.सी. या 300 मिली इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल प्रति हैक्टेयर  की दर से सिंचाई के पानी के साथ देवें अथवा कीटनाशी रसायन को सूखी बजरी या खेत की साफ मिट्टी 80-100 किलो प्रति हैक्टेयर में अच्छी तरह मिलाकर पौधों की जड़ों के आस-पास डाल दें एवं फिर हल्की सिंचाई करें ताकि कीटनाशी पौधों की जड़ों तक पहुंच जाए। खड़ी फसल में उपचार मानसून की प्रथम बरसात के साथ अधिक संख्या में भृंग निकलने के 21 दिन बाद करें।

पीलिया रोग से बचाव: कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) डॉ. कमलेश चौधरी ने मूंगफली की फसल को पीलिया रोग से बचाने के लिए हराकसीस  0.5 प्रतिशत (फेरससल्फेट) या गंधक 0.1 प्रतिशत  के अम्ल का घोल बनाकर फूल आने से पहले एक बार व फूल आने के बाद दूसरी बार छिड़काव करें। सावधानी के लिए इस घोल में थोड़ी मात्रा में साबुन आदि अवश्य मिलाना चाहिए।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements